पथिराना अपने एक्शन के लिए सबसे अधिक मांग वाले नेट गेंदबाज थे

Pathirana was the most sought after net bowler for his action: Coach
पथिराना अपने एक्शन के लिए सबसे अधिक मांग वाले नेट गेंदबाज थे
कोच पथिराना अपने एक्शन के लिए सबसे अधिक मांग वाले नेट गेंदबाज थे
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  • पथिराना अपने एक्शन के लिए सबसे अधिक मांग वाले नेट गेंदबाज थे : कोच

डिजिटल डेस्क, कोलंबो। श्रीलंका के तेज गेंदबाज मथीशा पथिराना को लेकर कोच अमिला पिन्नाडुवा ने खुलासा किया है कि उनके एक्शन के कारण सबसे अधिक मांग वाले नेट गेंदबाज के रूप में हो रही, क्योंकि उनका एक्शन महान लसिथ मलिंगा से मिलता जुलता है। 19 साल की उम्र में पथिराना ने पहले ही क्रिकेट की दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींचा है। मुख्य रूप से उनके एक्शन के लिए और उनकी अचूक प्रतिभा को इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) की ओर से चेन्नई सुपर किंग्स ने पहचाना, जिन्होंने उन्हें इस साल मेगा नीलामी के दौरान खरीदा था।

महेंद्र सिंह धोनी की अगुवाई वाली टीम के लिए अपने डेब्यू सीजन में गेंदबाज को दो मैच खेलने को मिले, एक मैच में 2/24 विकेट लिए थे। चेन्नई सुपरकिंग्स डॉट कॉल पर एक मजेदार वाकया बताते हुए श्रीलंका के सेंट्रल प्रोविंस के कोच पिन्नाडुवा ने कहा, अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी हमेशा मथीशा को गेंदबाजी करने के लिए कहते थे, क्योंकि वे मलिंगा का सामना करने के लिए अभ्यास करना चाहते थे। इसलिए, हमने उन्हें एक बार मजाक में नकली गेंदबाज भी कहा था।

पिन्नाडुवा ने कहा कि बचपन से ही पथिराना ने मलिंगा की तर्ज पर अपने एक्शन को मॉडल करने की कोशिश की है। उन्होंने कहा, मैं उनसे स्कूल में मिला था, जब वह 12 साल के थे। मैं भी खेल रहा था, और वह अचानक आए और मलिंगा की तरह गेंदबाजी की। मैं दंग रह गया, लेकिन हमने उन्हें गेंदबाजी करते रहने को कहा, क्योंकि उसकी गति लगभग 110 किमी प्रति घंटे थी जब वह अंडर-13 खेल रहे थे। अंडर-15 के स्तर पर आने के बाद, कुछ बल्लेबाज उससे डरने लगे। उस समय उसने 120 किमी प्रति घंटे की रफ्तार पकड़ी थी। उसका गेंदबाजी एक्शन, उसकी गति, वह मैदान पर बहुत आक्रामक हो रहे थे।

पथिराना के बचपन के एक अन्य कोच संपत सिल्वा ने कहा कि यह युवा गेंदबाज के रूप में बहुत जल्दी परिपक्व हो गए। हालांकि, पिन्नाडुवा ने कहा कि उनके गेंदबाजी एक्शन और रन-अप के साथ कई मुद्दे थे, जिन्हें ठीक करने की जरूरत है। एक महत्वपूर्ण कारक जिसने पथिराना को सफलता की सीढ़ी चढ़ने में मदद की, वह था फोकस। पिन्नाडुवा ने कहा कि जब क्रिकेट की बात आती है तो उनके छात्र ने खेल को गंभीरता से लिया और खुद में विकसित होते चले गए।

सोर्स: आईएएनएस

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Created On :   20 Jun 2022 6:00 PM IST

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