बायो-बबल के अंदर और बाहर के जीवन में है अंतर

There is a difference between life inside and outside Bio-Bubble, reveals Gaikwad
बायो-बबल के अंदर और बाहर के जीवन में है अंतर
गायकवाड़ का खुलासा बायो-बबल के अंदर और बाहर के जीवन में है अंतर
हाईलाइट
  • गायकवाड़ का खुलासा
  • बायो-बबल के अंदर और बाहर के जीवन में है अंतर

डिजिटल डेस्क, विशाखापत्तनम। जब से कोविड-19 महामारी ने दुनिया को अपनी चपेट में लिया है, तब से क्रिकेट मुख्य रूप से बायो-बुलबुले में खेला जा रहा है, जहां वायरस से संक्रमित होने से बचने के लिए टीमें नियमित रूप से बायो बबल में रहती है। लगभग दो वर्षों के बाद दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ भारत की चल रही पांच मैचों की टी20 सीरीज में पहली बार ऐसा हुआ है कि टीमों को हर दिन कोविड-19 की जांच किए जाने के बावजूद बायो बबल में नहीं रहना पड़ रहा है।

भारत के विशाखापत्तनम में तीसरा टी20 मैच 48 रन से जीतने के बाद सलामी बल्लेबाज ऋतुराज गायकवाड़ ने बायो-बबल में बिताए जीवन और इससे बाहर के अंतर का खुलासा किया। उन्होंने स्वीकार किया कि बायो-बबल में रहना कठिन था, लेकिन साथ ही यह टीम के साथियों को समझने और उनके करीब लाने में मदद करता रहा है।

गायकवाड़ ने कहा, बायो बबल में लंबे समय तक रहना कठिन था। लेकिन मुझे एक अच्छी बात यह महसूस हुई कि मैं जिस भी टीम के लिए खेला, वह आईपीएल (इंडियन प्रीमियर लीग) टीम हो या भारतीय टीम हमारी बॉन्डिंग अच्छी बनी। इससे वास्तव में मदद मिली है और यह आने वाले वर्षों में भी बनी रहेगी।

भारतीय टीम बायो-बबल्स को छोड़कर जीवन के साथ कैसे तालमेल बिठा रही है, इस पर प्रकाश डालते हुए गायकवाड़ ने विस्तार से बताया, बायो बबल से बाहर आकर अच्छा लग रहा है। इस देश में बहुत सारे प्रशंसक हैं और बहुत सारे लोग आपके पास आना चाहते हैं और यह पहली श्रृंखला है (बिना बायो बबल के) इसलिए हर कोई इसे समायोजित करने में समय ले रहा है।

सोर्स: आईएएनएस

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Created On :   15 Jun 2022 3:01 PM IST

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