यौन उत्पीड़न की शिकार आदिवासी लड़की को गाली देने के बाद केरल का पुलिसकर्मी फरार
डिजिटल डेस्क, तिरुवनंतपुरम। केरल पुलिस का एक अधिकारी, ए.जे. बाबू, एससी/एसटी आयोग द्वारा यौन उत्पीड़न की शिकार एक अनुसूचित जनजाति की लड़की के साथ दुर्व्यवहार करने के आरोप के बाद से फरार हैं। वायनाड जिले की 17 वर्षीय लड़की को बालगृह में रखा गया था। जुलाई में काउंसलिंग के दौरान उसने बाबू के हाथों अपने साथ हुए दुर्व्यवहार के बारे में बताया था, जो वायनाड में एक अतिरिक्त उप-निरीक्षक है।
लड़की के अनुसार, उसके यौन शोषण की जांच के तहत पुलिस द्वारा उसे ऊटी ले जाया गया जहां बाबू ने कथित तौर पर उसका शारीरिक शोषण किया और उसके खिलाफ यौन अपशब्दों का भी इस्तेमाल किया। लड़की ने बाबू पर उसकी सहमति के बिना उसकी तस्वीरें क्लिक करने का भी आरोप लगाया।
महिला पुलिस अधिकारी और उनके साथ गया एक अन्य पुलिसकर्मी गाड़ी से बाहर चले गए थे, तभी बाबू ने इन हरकतों को अंजाम दिया।सामाजिक कार्यकर्ता पी.ई. उषा ने आईएएनएस से कहा, आरोपी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए। हालांकि घटना जुलाई में हुई थी, लेकिन मीडिया में खबर आने तक पुलिस ने बाबू के खिलाफ मामला दर्ज नहीं किया।
पुलिस अब मामला दर्ज कह रही है, अधिकारी फरार है। वह अब अग्रिम जमानत लेने की कोशिश करेगा और पुलिस उसे सहायता प्रदान करेगी। महिलाएं, दलित और गरीब अब थाने जाने से डर रहे हैं, क्योंकि यह एक ऐसी जगह में बदल रहा है जहां उन्हें न्याय नहीं मिलता है। उसने कहा कि अगर उसके रिश्तेदार उसके साथ होते तो बाबू लड़की के साथ ऐसी हरकतें करने की हिम्मत नहीं करता।
उषा ने यह भी कहा कि लड़की पहले से ही कमजोर थी और एक पुलिस अधिकारी की ओर से इस दुर्व्यवहार ने उसे और मानसिक आघात पहुंचाया है। इस बीच, रविवार सुबह कोझिकोड के तटीय पुलिस स्टेशन के एसएचओ पी.आर.सुनू को इस मामले से अलग सामूहिक दुष्कर्म के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया है।
सोर्सः आईएएनएस
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Created On :   13 Nov 2022 11:30 PM IST