कर्नाटक पुलिस ने आरोपी वार्डन रश्मि से किया सवाल
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डिजिटल डेस्क, चित्रदुर्ग। चित्रदुर्ग जिले में लिंगायत संत से यौन उतपीड़न के सिलसिले में पॉक्सो एक्ट और एससी, एसटी प्रिवेंशन ऑफ एट्रोसिटी एक्ट के तहत प्राथमिकी दर्ज होने के छह दिन बाद आखिरकार कर्नाटक पुलिस हरकत में आई। चित्रदुर्ग के पुलिस अधीक्षक परशुराम ने गुरुवार को बताया कि नाबालिग लड़कियों से यौन शोषण के मामले में आरोपी नंबर 2 महिला छात्रावास वार्डन रश्मि से पूछताछ की जा रही है। उन्होंने कहा, हमने एक के बाद एक आरोपी व्यक्तियों से पूछताछ शुरू कर दी है।
उन्होंने कहा कि ऐसा कोई नियम नहीं है कि आरोपी को गिरफ्तार किया जाए, अगर जरूरी हुआ तो आरोपी संत से पूछताछ की जाएगी। एनसीपीसीआर ने घटना पर परशुराम से रिपोर्ट मांगी है। इस बीच, चित्रदुर्ग की एक स्थानीय अदालत ने पूर्व विधायक एस.के. बसवराजन और उनकी पत्नी सौभाग्य को दुष्कर्म के प्रयास के मामले और चित्रदुर्ग ग्रामीण थाने में महिला छात्रावास की वार्डन रश्मि द्वारा दायर यौन उत्पीड़न मामले में जमानत दे दी है।
पॉक्सो मामले की आरोपी रश्मि ने दो नाबालिग बच्चियों के अपहरण और यौन शोषण का आरोप लगाया है। उसने लिंगायत संत के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज होने के बाद शिकायत दर्ज कराई। एस.के. बसवराजन ने जमानत मिलने के बाद कहा कि वह मठ के खिलाफ साजिश नहीं कर रहे हैं। उन्होंने कहा, मैंने केवल बच्चियों की रक्षा की।
यह जानने के बाद कि नाबालिग लड़कियां बेंगलुरु में हैं, मैं, मेरी पत्नी और बेटा बेंगलुरु गए और लड़कियों को चित्रदुर्ग मठ में वापस लाने की कोशिश की। लेकिन उन्होंने वहां रहने से इनकार कर दिया और बाद में उन्हें उनके परिवार के सदस्य के साथ भेज दिया गया।
बसवराजन ने कहा, नाबालिग पीड़िताओं की हालत खराब थी और मैंने उन्हें आश्रय दिया। अगर नाबालिग लड़कियां सच्ची हैं तो उन्हें न्याय मिलेगा, अगर ऐसा नहीं हुआ तो उन लोगों का पदार्फाश हो जाएगा।
इस दौरान दलित संगठनों ने चित्रदुर्ग के जिला आयुक्त के वाहन को घेर लिया और संत की गिरफ्तारी की मांग की। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि संत को गिरफ्तार नहीं किया गया तो वे राज्यभर से अपने कार्यकर्ताओं को चित्रदुर्ग में आकर आरोपी संत के खिलाफ प्रदर्शन करने का आह्वान करेंगे। अदालत ने संत की जमानत याचिका शुक्रवार तक के लिए स्थगित कर दी है।
सोर्सः आईएएनएस
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Created On :   1 Sep 2022 2:00 PM GMT