बेटे ने दुनिया को दिखाया मां सीमा पात्रा का बेरहम चेहरा, पोल खुलने के डर से बेटे को भी पागल खाने भेज चुकी थी सीमा, लेकिन भर ही गया पाप का घड़ा
डिजिटल डेस्क,रांची। रिटायर्ड आईएएस की पत्नी सीमा पात्रा को एक दिव्यांग घरेलु युवती को बंधक बनाए जाने और उसके साथ बेरहमी से मारपीट करने के आरोप में जेल भेज दिया गया है। इस मामले का खुलासा उनके बेटे आयुष्यमान पात्रा और उसके दोस्त विवेक बास्के ने किया जिसके बाद ही पुलिस सीमा पात्रा को गिरफ्तार कर पाई। इसी बीच एक और जानकरी सामने आई जिसने सभी को एक बार फिर से हैरान कर दिया।
बीजेपी से निलंबित सीमा पात्रा ने न केवल दिव्यांग युवती के साथ बेरहमी से मारपीट की बल्कि अपने बेटे के साथ भी ऐसा बर्ताव किये जो एक मां कभी सोच भी नहीं सकती। मामले को दबाने के लिए सीमा पात्रा ने अपने बेटे को मानसिक अस्पताल तक पहुंचाया। इस बात का खुलासा उसके दोस्त विवेक बास्के ने किया है।
बेटे को ही बताया पागल
विवेक ने बताया कि दो अगस्त की आधी रात को आयुष्मान ने उसे फोन किया उस समय उसकी आवाज बहुत तेज थी। वह मुझसे कह रहा था कि वास्के कृपया उस लड़की को बचाओ। मेरी मां उसके साथ बेरहमी से मारपीट कर रही है। विवेक ने बताया कि आयुष्मान के फोन के बाद दो अगस्त की देर रात को ही उसकी मां (सीमा पात्रा) ने भी उसे फोन किया। और उन्होंने बताया कि उनके बेटे आयुष्मान की मानसिक स्थिति ठीक नहीं है। वह कुछ भी कर रहा है, हिंसक हो गया है। इसलिए तुम्हारी जरूरत है।
विवेक ने बताया कि अगले दिन उनके घर पहुंचने के बाद उन्हें घर के अंदर नहीं जाने दिया गया। वहीं सीमा पात्रा ने किसी भी तरह की बातचीत से इंकार कर दिया। इसके बाद वह आयुष्मान को लेकर मानसिक स्वास्थ संस्थान गए। वहां पर भी आयुष्मान ने कहा उस लड़की को बचा लो और यह भी कहा कि उस महिला को बचाना मेरा नैतिक कर्तव्य है।
बेटे पर था पोल खोलने का शक
सीमा पात्रा को लग रहा कि उनका बेटा उनकी पोल खोल सकता है इसलिए उन्होंने अपने बेटे को मानसिक अस्पताल में भर्ती करा दिया। और बेटे को अस्पताल में भर्ती कराए जाने के सवाल पर जवाब देते हुए कहा कि वह अस्वस्थ था।
बता दें आयुष्मान और विवेक बास्के रांची के इंजीनियरिंग कॉलेज में साथ में पढ़ते थे। दोनों की दोस्ती करीब एक दशक से है। विवेक बास्के के पिता भी
एक सरकारी अधिकारी हैं। बास्के ने बताया कि आयुष्मान ने सुनीता खाका की कुछ तस्वीरें भी व्हाट्सएप पर साझा की थी। इसके बाद ही मैंने तय किया कि पुलिस के पास जाना ही पड़ेगा। आयुष्मान अपनी मां के खिलाफ कुछ भी करने में असमर्थ थे लेकिन वह चाहते थे कि मैं सुनीता को बचाऊं। और आखिरकर मैनें दूसरे प्रयास में ही उसे बचा लिया।
Created On :   1 Sept 2022 7:09 PM IST