बार कोड इन्स्टॉलिंग के बहाने लोगों से ठगी करने के आरोप में दो किशोर गिरफ्तार

District Mineral Fund is not being used in Gadchiroli!
गड़चिरोली में जिला खनिज निधि का नहीं हो रहा कोई उपयाेग!
अपराध बार कोड इन्स्टॉलिंग के बहाने लोगों से ठगी करने के आरोप में दो किशोर गिरफ्तार

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। प्रमुख डिजिटल भुगतान कंपनी में फील्ड एग्जिक्यूटिव के तौर पर काम कर रहे दो नाबालिगों को बार कोड के लिए आवेदन करने के बहाने रिक्शा चालकों और सब्जी विक्रेताओं को कथित रूप से ठगने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है, दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।

पुलिस ने कहा कि दोनों आरोपियों ने पीड़ितों के ई-वॉलेट पोस्टपेड खाते को गुप्त रूप से सक्रिय किया और उनके भुगतान खातों से पैसे निकाल लिए। अपने पुराने दोस्तों की पहचान का इस्तेमाल कर नौकरी पाने वाले आरोपी एक सरकारी स्कूल के 11वीं कक्षा के छात्र हैं।

उत्तर पुलिस उपायुक्त सागर सिंह कलसी के अनुसार, एक ई-रिक्शा चालक आशीष कुमार द्वारा शिकायत दर्ज कराई गई थी, जिसमें उसने कहा था कि दो लड़कों ने उससे 60,000 रुपये की ठगी की है, जो उसके पास आए और उसे आसान ऑनलाइन भुगतान के लिए यूपीआई बार कोड लागू करने का सुझाव दिया।

उन्होंने कहा, लड़कों ने आगे कहा कि यह सेवा मुफ्त है और शिकायतकर्ता के आवेदन का उपयोग करते हुए दोनों ने 60,000 रुपये किसी अन्य खाते में स्थानांतरित कर दिए। पुलिस को इसी तरह के तौर-तरीकों के साथ एक और शिकायत मिली थी और जांच के दौरान मामलों में शामिल दोनों किशोरों को नांगलोई इलाके से पकड़ा गया।

दोनों से पूछताछ करने पर पता चला कि उनमें से एक को बार कोड लगाने के अंशकालिक काम के बारे में पता चला और उसने अपने एक दोस्त की आईडी का उपयोग करके काम करना शुरू कर दिया, जिसकी उम्र 18 वर्ष से अधिक थी। डीसीपी ने कहा- एक अन्य किशोर भी उसके साथ जाने लगा। दोनों बेतरतीब जगहों पर जाते थे और सब्जी विक्रेताओं, ऑटो-रिक्शा चालकों आदि के लिए बार कोड स्थापित करते थे। बार कोड स्थापित करने के लिए ग्राहकों के ई-वॉलेट खाते का उपयोग करने की आवश्यकता होती है, वे दोनों ने इन खाताधारकों को धोखा देने का मौका पकड़ा।

उन्होंने कहा, उन्होंने शिकायतकर्ताओं सहित तीन लोगों से क्रमश: 60,000, 8,000 और 8,000 रुपये की ठगी की थी। ये दोनों एक शानदार जीवन शैली और अपनी गर्लफ्रेंड को प्रभावित करने के लिए पैसे खर्च करते थे।

 (आईएएनएस)।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ bhaskarhindi.com की टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Created On :   4 Feb 2023 1:00 AM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story