Masik Durgashtami 2025: मासिक दुर्गाष्टमी के दिन इस विधि से करें पूजा, जानिए मुहूर्त और सामग्री

मासिक दुर्गाष्टमी के दिन इस विधि से करें पूजा, जानिए मुहूर्त और सामग्री
  • दुर्गाष्टमी का व्रत 03 जून मंगलवार को रखा जाएगा
  • इस व्रत को लेकर कई सारी मान्यताएं जुड़ी हुई हैं
  • व्रत के प्रभाव से जीवन की समस्याएं दूर होती हैं

डिजिटल डेस्क, भोपाल। हर महीने की शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मासिक दुर्गाष्टमी (Masik Durgashtami) के रूप में मनाया जाता है। यह दिन मां दुर्गा को समर्पित है और देवी के भक्त इस दिन व्रत रखने के साथ ही पूरे विधि विधान से माता की पूजा करते हैं। हिंदी कैलेंडर के अनुसार ज्येष्ठ मास की दुर्गाष्टमी 03 जून 2025, मंगलवार को है। इस व्रत को लेकर कई सारी मान्यताएं जुड़ी हुई हैं।

ऐसा कहा जाता है कि, इस व्रत को करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होती है। साथ ही उस पर मां दुर्गा की कृपा बरसती है और सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है। इस व्रत के प्रभाव से आपके जीवन की समस्याएं स्वतः ही समाप्त होने लगती हैं व हर बाधा से मुक्ति मिलती है। आइए जानते हैं मुहूर्त, सामग्री और पूजा विधि...

अष्टमी तिथि कब से कब तक

तिथि आरंभ: 02 जून 2025, सोमवार की रात 8 बजकर 34 मिनट से

अष्टमी तिथि समाप्त: 03 जून 2025, मंगलवार की रात 9 बजकर 56 मिनट तक

पूजा सामग्री

रोली या कुमकुम, दीपक, रुई (बाती के लिए), घी, लौंग, कपूर,इलायची, सूखी धूप, मौली(कलावा),नारियल, अक्षत, पान, पूजा की सुपारी, फूल,फल, मिष्ठान, लाल चुनरी, श्रृंगार का सामान,आदि।

दुर्गाष्टमी पूजा विधि

- इस दिन सुबह सूर्योदय से पूर्व उठकर स्नानादि से निवृत्त हों।

- इसके बाद साफ वस्त्र धारण करें और पूजा घर की सफाई कर गंगाजल का छिड़काव करें।

- अब सूर्य निकलने पर अर्ध्य देकर व्रत का संकल्प लें।

- पूजा के दौरान एक साफ लकड़ी की चौकी पर लाल आसन बिछाकर उस पर मां दुर्गा की तस्वीर या प्रतिमा स्थापित करें।

- इसके बाद माता रानी को लाल चुनरी चढ़ाएं और श्रृंगार का सामान चढ़ाएं।

- अब मां दुर्गा के समक्ष धूप दीप प्रज्वलित करें।

- कुमकुम, अक्षत से तिलक करें और मौली, लाल पुष्प लौंग कपूर आदि से विधि पूर्वक पूजन करें।

- मां को चढ़ाए गए 16 श्रृंगार का सामान किसी सुहागन या नवदुर्गा के मंदिर में दें।

- पान के ऊपर सुपारी और इलायची रखकर चौकी पर मां दुर्गा के समक्ष रखें।

- मां दुर्गा को फल व मिष्ठान अर्पित करें।

- पूजा पूर्ण होने के बाद मां दुर्गा की आरती करें और पूजन में हुई भूल के लिए क्षमा मांगे।

डिसक्लेमरः इस आलेख में दी गई जानकारी अलग- अलग किताब और अध्ययन के आधार पर दी गई है। bhaskarhindi.com यह दावा नहीं करता कि ये जानकारी पूरी तरह सही है। पूरी और सही जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ (ज्योतिष/वास्तुशास्त्री/ अन्य एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें।

Created On :   2 Jun 2025 7:52 PM IST

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