Meen Sankranti 2024: इस दिन पड़ रही है ‘मीन संक्रांति’, जान लें स्नान-दान मुहूर्त और महत्व

इस दिन पड़ रही है ‘मीन संक्रांति’, जान लें स्नान-दान मुहूर्त और महत्व
  • सूर्य देव 14 मार्च को मीन राशि में प्रवेश करेंगे
  • इस दिन पवित्र नदी में स्नान किया जाना चाहिए
  • ब्राह्मणों और जरूरतमंदों को दान करना चाहिए

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। हिंदू कैलेंडर के अनुसार, वर्ष में 12 बार सूर्य राशि परिवर्तन करते हैं। इस परिवर्तन के साथ ही हर माह एक संक्रांति तिथि आती है। वहीं जिस राशि में सूर्य परिवर्तन करते हैं, वो नाम आगे जुड़ जाता है। पंचांग के अंतिम माह फाल्गुन माह में पड़ने वाली संक्रांति को मीन संक्रांति (Meen Sankranti) के नाम से जाना जाता है। इस बार ये तिथि 14 मार्च 2024, गुरुवार को पड़ रही है। इस संक्रांति को मुख्य रूप से ओडिशा में बड़े ही धूम- धाम के साथ मनाया जाता है।

ज्योतिषाचार्य के अनुसार, इस साल की सूर्य देव 14 मार्च को दोपहर 12 बजकर 46 मिनट पर मीन राशि में प्रवेश करेंगे। इसी के साथ सूर्य की मीन संक्रांति शुरू होगी। आइए जानते हैं मीन संक्रांति की पूजा विधि के बारे में...

अवश्य करें ये काम

इस दिन पवित्र नदी में स्नान के बाद ब्राह्मणों और जरूरतमंदों को गेहूं, गुड़, तांबे के बर्तन, लाल कपड़ा, लाल फूल आदि दान कर चाहिए। इस दिन भूमि का दान करने से सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है। मीनमास में मांगलिक कार्य जैसे नामकरण, विद्या आरंभ, उपनयन संस्कार, विवाह संस्कार, गृह प्रवेश आदि वर्जित माने गए हैं।

महा पुण्यकाल, पुण्यकाल व स्नान-दान का समय

मीन संक्रांति का महा पुण्यकाल दोपहर 12 बजकर 46 मिनट से दोपहर 02 बजकर 46 मिनट तक रहेगा। वहीं पुण्यकाल दोपहर 12 बजकर 46 मिनट से शाम 06 बजकर 29 मिनट तक रहेगा। इबात करें स्नान-दान की तो, मीन संक्रांति का स्नान और दान महापुण्यकाल के समय में करना बताया गया है।

क्या है संक्रांति का महत्व

मीन संक्रांति का भी विशेष महत्व बताया गया है। ज्योतिषाचार्य के अनुसार, सूर्य के उत्तरायण होने के चलते दिन का समय बढ़ जाता है और रात छोटी होने लगती है। यही वो समय होता है जब प्रकृति में नया सृजन होता है। ऐसा माना जाता है कि, इस दिन पवित्र नदियों में स्नान, दान, तप करना चाहिए। इस दिन व्रत रखने के साथ ही भगवान सूर्य देव की पूजा की जाती है। इस दौरान उपासना, ध्यान, योग करने से तन-मन और बुद्धि को पुष्टि मिलती है। ऐसा करने से साधक को सुख और समृद्धि की प्राप्ति होती है और नकारात्मकाता दूर होती है।

डिसक्लेमरः इस आलेख में दी गई जानकारी अलग- अलग किताब और अध्ययन के आधार पर दी गई है। bhaskarhindi.com यह दावा नहीं करता कि ये जानकारी पूरी तरह सही है। पूरी और सही जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ (ज्योतिष/वास्तुशास्त्री/ अन्य एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें।

Created On :   13 March 2024 9:29 AM GMT

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