Shardiya Navratri 2025: नवरात्रि के तीसरे दिन है मां चंद्रघंटा की पूजा का विधान, इस विधि से करें पूजा

नवरात्रि के तीसरे दिन है मां चंद्रघंटा की पूजा का विधान, इस विधि से करें पूजा

डिजिटल डेस्क, भोपाल। नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा की जाती है। शारदीय नवरात्रि के बीच मां दुर्गा के इस स्वरूप की पूजा बुधवार को होगी। ऐसा माना जाता है, माता रानी का चंद्रघंटा स्वरूप भक्तों पर कृपा करती है और निर्भय और सौम्य बनाता है। मां के दिव्य स्वरूप के ध्यान से हमारी मानसिक में स्थिरता आती है। यह स्वरूप हमें विनम्रता और सौम्यता का विकास कर संस्कारमय जीवन जीने का संदेश देता है।

मां के यह कल्याणकारी स्वरूप हमें कठिन से कठिन परिस्थिति में सुगमता से लक्ष्य को प्राप्त करने की शक्ति प्रदान करता है। ऐसी मान्यता है कि मां चंद्रघंटा की उपासना करने से भक्त आध्यात्मिक और आत्मिक शक्ति प्राप्त करता है। पूरे विधि-विधान से मां की उपासना करने वाले भक्त को संसार में यश, कीर्ति और सम्मान की प्राप्ति होती है।

कैसा है स्वरूप

मां का यह तीसरा स्वरूप बेद खूबसूरत और आकर्षक है। मां के माथे पर घंटे के आकार का अर्धचंद्र है, इसलिए इन्दे चंद्रघंटा कहा जाता है। देवी का यह स्वरूप परम शांतिदायक और कल्याणकारी है। माता का शरीर स्वर्ण की तरह उज्जवल है, इनका वाहन सिंह है और इनके दस हाथ हैं जिसमें कई प्रकार के अस्त्र-शस्त्र सुशोभित रहते हैं। सिंह पर सवार मां चंद्रघंटा का रूप युद्ध के लिए तैयार दिखता है और उनके घंटे की प्रचंड ध्वनि से असुर और राक्षस भयभीत रहते हैं।

पूजा विधि

- सर्वप्रथम मां चंद्रघंटा की फूल, अक्षत, रोली, चंदन, से पूजा करें।

- कलश देवता की पूजा करें

- इसी प्रकार नवग्रह, दशदिक्पाल, नगर देवता, ग्राम देवता, की पूजा करें।

- कलश में उपस्थित देवी-देवता, तीर्थों, योगिनियों, नवग्रहों, दशदिक्पालों, ग्राम एवं नगर देवता की पूजा अराधना करें।

- माता के परिवार के देवता, गणेश, लक्ष्मी, विजया, कार्तिकेय, देवी - सरस्वती और जया नामक योगिनी की पूजा करें।

- देवी चन्द्रघंटा की पूजन कर आरती करें।

मंत्र

पिण्डजप्रवरारूढा चण्डकोपास्त्रकैर्युता।

प्रसादं तनुते मह्यं चंद्रघण्टेति विश्रुता।।

डिसक्लेमरः इस आलेख में दी गई जानकारी अलग अलग किताब और अध्ययन के आधार पर दी गई है। bhaskarhindi.com यह दावा नहीं करता कि ये जानकारी पूरी तरह सही है। पूरी और सही जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ (ज्योतिष/वास्तुशास्त्री/ अन्य एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें।

Created On :   23 Sept 2025 9:19 PM IST

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