मार्गशीर्ष पूर्णिमा आज, दान के लिए सर्वश्रेष्ठ है यह तिथि

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मार्गशीर्ष या अगहन माह अति पवित्र माना गया है। इस माह में ही भगवान श्रीकृष्ण ने गीता का उपदेश दिया था। इस माह का उल्लेख श्रीमद्भगवतगीता में भी मिलता है। मार्गशीर्ष माह की पूर्णिमा भी अतिफलदायी बतायी गई है। इस दिन पवित्र नदी सरोवरों में स्नान करने का पुण्य है। यह पूर्णिमा इस वर्ष 3 दिसंबर रविवार 2017 को अर्थात आज मनाई जा रही है। इस पूर्णिमा स्नान का महत्व कार्तिक पूर्णिमा के समान ही है।
पूर्णिमा का दिन सर्वश्रेष्ठ
पूरे माह पूजन-पाठ करने वाले भक्तों के लिए पूर्णिमा का दिन सर्वश्रेष्ठ बताया गया है। पवित्र नदी में स्नान कर दान करने से सभी पापों का नाश होता है एवं भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। मार्गशीर्ष पूर्णिमा स्नान के लिए विशेष रूप से गंगा एवं नर्मदा तटों पर भीड़ उमड़ती है।
"ॐ नमो नारायण" मंत्र का जाप
ऐसा भी उल्लेख मिलता है कि सतयुग का प्रारंभ देवताओं ने मार्गशीर्ष माह की प्रथम तिथि को ही किया था। अतः धार्मिक दृष्टिकोण से यह माह अतिपवित्र बताया गया है। पुराणों में कहा गया है कि इस पूर्णिमा पर तुलसी की जड़ की मिट्टी से पवित्र सरोवर में स्नान करने से भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है। इस दौरान "ॐ नमो नारायण" मंत्र का जाप भक्तों को करते रहना चाहिए। इस दिन दान का फल अन्य पूर्णिमा व दिनों की तुलना में 32 गुना अधिक प्राप्त होता है। इसलिए इसे बत्तीसी पूर्णिमा भी कहा जाता है।
भगवान सत्यनारायण की पूजा व कथा
मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर भगवान सत्यनारायण की पूजा व कथा की जाती है। यह परम फलदायी बतायी गई है। पूजन में भगवान को चूरमा का भोग लगाना चाहिए। सामर्थ्य के अनुसार गरीबों व ब्राम्हणों को दान कर भगवान विष्णु से मंगल कामना करना चाहिए। एेसा करने से भक्तों के सारे संकट दूर हो जाते हैं अाैर उन्हें मानसिक शांति भी प्राप्त हाेती है।


Created On :   2 Dec 2017 8:20 AM IST