अगहन पूर्णिमा आज, इस​ विधि से करें पूजा मिलेगा धन लाभ

Aghan Purnima: By this method, worship will get wealth benefits
अगहन पूर्णिमा आज, इस​ विधि से करें पूजा मिलेगा धन लाभ
अगहन पूर्णिमा आज, इस​ विधि से करें पूजा मिलेगा धन लाभ

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मार्गशीर्ष या अगहन माह अति पवित्र माना गया है। इस माह में ही भगवान श्रीकृष्ण ने गीता का उपदेश दिया था। इस माह का उल्लेख श्रीमद्भगवतगीता में भी मिलता है। मार्गशीर्ष माह की पूर्णिमा भी अतिफलदायी बताई गई है। इस दिन पवित्र नदी सरोवरों में स्नान करने का पुण्य है। यह पूर्णिमा इस वर्ष 22 दिसंबर शनिवार यानी आज मनाई जा रही है। इस पूर्णिमा स्नान का महत्व कार्तिक पूर्णिमा के समान ही है। इस दिन दत्तात्रेय जयंती व अन्नपूर्णा जयंती भी मनाई जाती है। इसी दिन अन्नपूर्णा माता की पूजा अर्चना  की जाती है। शास्त्रों के अनुसार जो भी अन्नपूर्णा जयंती के दिन श्रद्धापूर्वक मां अन्नपूर्ण की उपासना करता है उसे जीवन में अन्न की कमी नहीं रहती है। 

पूर्णिमा का दिन सर्वश्रेष्ठ
पूरे माह पूजन-पाठ करने वाले भक्तों के लिए पूर्णिमा का दिन सर्वश्रेष्ठ बताया गया है। पवित्र नदी में स्नान कर दान करने से सभी पापों का नाश होता है एवं भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। मार्गशीर्ष पूर्णिमा स्नान के लिए विशेष रूप से गंगा एवं नर्मदा तटों पर भीड़ उमड़ती है। 

ॐ नमो नारायण" मंत्र का जाप
ऐसा भी उल्लेख मिलता है कि सतयुग का प्रारंभ देवताओं ने मार्गशीर्ष माह की प्रथम तिथि को ही किया था। अतः धार्मिक दृष्टिकोण से यह माह अतिपवित्र बताया गया है। पुराणों में कहा गया है कि इस पूर्णिमा पर तुलसी की जड़ की मिट्टी से पवित्र सरोवर में स्नान करने से भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है। इस दौरान "ॐ नमो नारायण" मंत्र का जाप भक्तों को करते रहना चाहिए। इस दिन दान का फल अन्य पूर्णिमा व दिनों की तुलना में 32 गुना अधिक प्राप्त होता है। इसलिए इसे बत्तीसी पूर्णिमा भी कहा जाता है। 

पूजा-विधि
माता अन्नपूर्णा देवी अन्न की देवी हैं। पूर्णिमा के इस अवसर पर रसोई घर को साफ किया जाना चाहिए। यही नहीं पूरे घर में गंगा जल छिड़क कर घर को शुद्ध करना चाहिए। इस दिन घर के चूल्हे की पूजा करनी चाहिए। इस दिन अन्नपूर्णा जयंती के दिन माता पार्वती तथा भगवान शिव की पूजा-अर्चना करनी चहिए। माता अन्नपूर्णा की पूजा करने से घर में कभी अन्न और जल की कमी नहीं होती है।

भगवान सत्यनारायण की पूजा व कथा
मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर भगवान सत्यनारायण की पूजा व कथा की जाती है। यह परम फलदायी बतायी गई है। पूजन में भगवान को चूरमा का भोग लगाना चाहिए। सामर्थ्य के अनुसार गरीबों व ब्राम्हणों को दान कर भगवान विष्णु से मंगल कामना करना चाहिए। ऐसा करने से भक्तों के सारे संकट दूर हो जाते हैं और उन्हें मानसिक शांति भी प्राप्त हाेती है। 
 
 

Created On :   22 Dec 2018 11:28 AM IST

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