इस बार 60 दिनों के लिए प्रकट होंगे बाबा बर्फानी, जानें ये तथ्य
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। महाकाल की महिमा अपार है। उनके प्रत्येक स्थान पर अनोखा रूप व महिमा देखने मिलती है। एक ऐसा ही स्थान है अमरनाथ। जहां बाबा अमरनाथ के रूप में विराजे महादेव अपने दिव्य स्वरूप में दर्शन देते हैं, उनका ये रूप हर साल बनता है और लाखों भक्त इसे देखने के लिए बर्फ के बीच से ठंड में ठिठुरते हु़ए जाते हैं। ऐसा ही नजारा आपको देखने मिलेगा। यहां हम आपको अमरनाथ के बारे में ही कुछ बताने रहे हैं...
साल 2018 में यह यात्रा पूरे 60 दिन होगी। 2017 में यह 40 दिन की थी। इससे पहले कभी 48 तो कभी 55 दिनों तक ही बाबा अमरनाथ के दर्शनों का लाभ प्राप्त किया जा सकता था। यात्रा के दिन कम होने की वजह से कई लोग इनके दर्शन नही कर पाते थे।
-यह स्थान रहस्यमयी कबूतरों के लिए भी प्रसिद्ध है। कहा जाता है कि जिन्हें भी इनके दर्शन हो गए, समझो साक्षात महादेव की उन पर कृपा हो गई। लोग यहां आने पर सबसे पहले इन्हें ही देखना पसंद करते हैं।
-महादेव का बर्फ का विशाल शिवलिंग अपने आप ही प्राकृतिक रूप से बनता है। यहां बाबा अमरनाथ अषाढ़ पूर्णिमा से रक्षाबंधन पूर्णिमा तक दर्शन देते हैं।
-कथाओं में ऐसा वर्णित है कि बाबा अमरनाथ माता पार्वती को अमरकथा सुनाने यहां लेकर आए थे। इस बीच वे अपने गले में नाग और माथे का चंद्रमा भी रास्ते में ही छोड़ आए थे। इनके नाम पर ही यहां मार्ग मंे पड़ने वाले स्थानों के नाम पड़े हैं।
-कथा सुनाने के दौरान माता पार्वती को नींद आ गई और कबूतरों ने कथा सुन ली। जिससे वे अमर हो गए और अब भी इसी गुफा में यह जोड़ा निवास करता है।
-बाबा बर्फानी की यात्रा बेहद कठिन मानी जाती है। अपने जीवनकाल में मनुष्य इस यात्रा के माध्यम से साक्षात बाबा के चरणों में स्थान प्राप्त करता है।
Created On :   12 Jan 2018 2:14 AM GMT