मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर 3 शुभ संयोग, शक्ति के साथ विष्णु पूजा

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अगहन अर्थात मार्गशीर्ष माह की पूर्णिमा 3 दिसंबर 2017 के दिन एक साथ तीन शुभ तिथियों का संयोग हुआ है। इस दिन दत्तात्रेय जयन्ती के साथ ही अन्नपूर्णा जयन्ती व त्रिपुर भैरवी जयन्ती भी मनाई जा रही है। मां शक्ति और भगवान विष्णु को समर्पित इस व्रत के दिन विधि-विधान से पूजा अर्चना करने पर कई जन्म के पापों का नाश होता है। साथ ही इसके पुण्य से मनुष्य की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
अन्नपूर्णा जयंती
शास्त्रों में अन्नपूर्णा देवी को महागौरी का स्वरूप माना गया है। संसार के सार भगवान महादेव के साथ ही उनकी भी पूजा होती है। भोलेनाथ की नगरी काशी में इनका भव्य मंदिर बना हुआ है। कहा जाता है कि यहीं से देवी अन्नपूर्णा के पूजन की परंपरा का प्रारंभ हुआ। काशी में लोग अन्नपूर्णा को ही मां भवानी मानते हैं अत: महादेव की इस नगरी काशी में मां अन्नपूर्णा की कृपा से आज भी कोई भूखा नहीं सोता।
भगवान दत्तात्रेय जयंती
इसी प्रकार भगवान दत्तात्रेय में ईश्वर एवं गुरू दोनों के रूप समाहित माने गए हैं। इन्हें भगवान ब्रम्हा, विष्णु एवं महेश तीनों का स्वरूप माना जाता है। मार्गशीर्ष मास की पूर्णिमा को भगवान दत्तात्रेय का जन्म हुआ था। मान्यता है कि भगवान दत्तात्रेय का इस दिन पूजन करने से सभी दोषों का नाश होता है और पुण्य में वृद्धि होती है। दक्षिण भारत में भगवान दत्तात्रेय का पूजन धूमधाम से किया जाता है।
मां त्रिपुर भैरवी जयंती
मां शक्ति के क्रोध से उत्पन्न हुए षोडशी विग्रह की छाया से ही मां त्रिपुर भैरवी का जन्म हुआ था। ये मां शक्ति का ही रुप मानी गई हैं। इनके पूजन से सर्वसंपदा प्राप्त होती है। इन्होंने गले में नरमुंडमाला धारण कर रखी है एवं अभय मुद्रा में है। इनके एक हाथ में एक माला है। इनका रूप भक्तों पर कृपा करने वाला बताया गया है।
मार्गशीर्ष पूर्णिमा 2017 के दिन पड़े इस शुभ संयोग में जो भी भक्त पवित्र नदी तटों में स्नान कर देवी शक्ति, महादेव एवं भगवान विष्णु का पूजन करेगा, उसके सभी कष्टों का निवारण होगा। यह दिन बहुत ही पुण्यकारी एवं मनोकामनाओं को पूर्ण करने वाला बताया गया है।


Created On :   3 Dec 2017 8:07 AM IST