भीष्माष्टमी आज : इस व्रत से होती है योग्य संतान की प्राप्ति

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। गुणवान संतान और पितृदोष से मुक्ति चाहते हैं तो माघ मास की अष्टमी तिथि का व्रत आपके लिए उत्तम होगा। मान्यता है कि इस दिन भीष्म पितामह के नाम से पूजन तर्पण आदि करने से योग्य एवं संस्कारी संतान की प्राप्ति होती है। इस वर्ष भीष्माष्टमी 25 जनवरी 2018 को मनायी जा रही है।
सभी पात्रों में सबसे विशिष्ट स्थान
महाभारत के सभी पात्रों में भीष्म पितामह विशिष्ट स्थान रखते हैं उन्होंने अपने पिता की खुशी के लिए आजीवन ब्रम्हचर्य व्रत का पालन किया। उन्हें न्यायप्रिय, सत्यनिष्ठ एवं गंगापुत्र के रूप में भी जाना जाता है।
जब एक स्त्री पर मोहित हो गए पिता
सत्यवति नामक स्त्री पर मोहित हुए पिता के सामने जब सत्यवति के पिता ने उसकी संतान के उत्तराधिकारी होने की मांग की तो युवराज घोषित हो चुके भीष्म पितामह ने पिता के लिए प्रतिज्ञा ली कि वे आजीवन ब्रम्हचर्य का ही पालन करेंगे। इसी वजह से उन्हें भीष्म और उनकी इस प्रतिज्ञा को भीष्म प्रतिज्ञा कहा गया। इसी प्रकार शिखंडी पर शस्त्र ना उठाने की प्रतिज्ञा के कारण रणभूमि में उन्होंने अपने शस्त्र त्याग दिए और अर्जुन ने उन्हें तीरों की शैया पर लिटा दिया।
इस दिन करें पितामह के लिए तर्पण
माघ मास की शुक्ल पक्ष की अष्टमी को भीष्म पितामह के निर्वाण के रूप में भी जाना जाता है। इस दिन कुश, तिल, जल से भीष्म पितामह का तर्पण करना चाहिए। कहा जाता है कि ऐसा करने से मनुष्य को सभी पापों से मुक्ति मिलती है। साथ उसके पूर्वजों की आत्मा को भी शांति मिलती है। भीमाष्टमी का दिन मृत आत्माओं की शांति की पूजा के लिए भी उत्तम बताया गया है। यदि आप पितृदोष से पीड़ित हैं तो आपको इस दिन व्रत पूजा करने से निश्चित ही राहत मिलेगी। यह दिन अनेक पापों को नाश करने वाला एवं व्रत धारण करने वालों के लिए पुण्यकारी बताया गया है।

Created On :   23 Jan 2018 10:31 AM IST