ब्रज में होली पर्व का प्रारंभ, यहां राधा-कृष्ण ने साथ खेला था फाग

Brij ki holi or Lathmaar holi, The Holi 2018 start in mathura
ब्रज में होली पर्व का प्रारंभ, यहां राधा-कृष्ण ने साथ खेला था फाग
ब्रज में होली पर्व का प्रारंभ, यहां राधा-कृष्ण ने साथ खेला था फाग


डिजिटल डेस्क, मथुरा।  कन्हैया की नगरी में बसंत पंचमी से रंगों का त्योहार शुरू हो गया। होली का डांढा लगाने के साथ द्वारिकाधीश और बांकेबिहारी मंदिर में बासंती गुलाल उड़ाकर भक्त भगवान संग होली के पर्व की प्रतीकात्मक शुरूआत कर चुके हैं। बसंत पंचमी से शुरू होने वाला यह त्योहार अब होली के अगले दिन बलदेव के हुरंगा तक चलेगा। बसंत पंचमी के समान ही होली पर यहां की धूम देखते ही बनती है। 

 

सिर्फ दो बार ही खोला जाता है ये कमरा

होली से पूर्व बसंत पंचमी पर राजभोग आरती होती है। इसके बाद बरसाना में लाड़ली जी के मंदिर में राधाजी के मुकुट व चुंदरी से सजे ध्वज रूपी डाढे़ को गर्भगृह में विधि-विधान से पूजन कर स्थापित करते हैं। इसके पश्चात द्वारिकाधीश मंदिर में पूर्णिमा के दिन होली का डांढा लगाया जाता है। वृंदावन के शाह मंदिर में साल के सिर्फ दो बार ही बासंती कमरा खोला जाता है।

 

लगभग पूरी दुनिया में है प्रसिद्ध 

अपनी सबसे अलग खासियत की वजह से ब्रज की होली दुनियाभर में प्रसिद्ध है। यहां होली मनाने के लिए विदेशों से भी लोगों का आगमन होता है। होली की परंपराएं भी यहां सबसे अलग होती है। 

 

कृष्ण ने खेली थी राधा के संग होली

ब्रज के बरसाना गांव की होली के संबंध में मान्यता है कि भगवान श्रीकृष्ण और राधा ने भी यहां होली खेली थी। होली की इस परंपरा का चलन आज भी उसी प्रकार जारी है। यही वजह है कि यहां मंदिरों में होली के रंग सबसे पहले उड़ते हैं। राधा-कृष्ण के चरणों में गुलाल अर्पित की जाती है। उसके बाद ही होली के त्योहार की धूम होती है। ब्रज की इस होली को लठमार होली भी कहते हैं। इसमें नंदगांव के पुरूष और बरसाना की महिलाएं भाग लेती हैं। फाग खेलने का ये नजारा कुछ पलों के लिए बेहद अद्भुत और अलग नजर आता है। 

Created On :   23 Jan 2018 7:51 AM IST

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