नर्मदा ने शिव को किया जलमग्न, पानी में डूबा इकलौता शिवलिंग

डिजिटल डेस्क, देवास। भगवान शिव के मंदिर जहां भी हैं वे अपने अनूठे रहस्य के लिए जाने जाते हैं। इनकी कलाकृति से लेकर पौराणिक कथाएं तक सब कुछ ही अलग होता है। यहां आपको भगवान शिव के ऐसे मंदिर के बारे में बताया जा रहा है जहां शिवलिंग पानी में डूबा हुआ है। यहां भोले भंडारी सदैव ही जलमग्न रहते हैं। यह मंदिर देश का इकलौता ऐसा मंदिर बताया जाता है। जहां भोलेनाथ इस रूप में देखने मिलते हैं।
अभिषेक के लिए यहां स्वयं प्रकट हुई थीं माता नर्मदा
यह अद्भुत मंदिर देवास के चापड़ा में स्थित है। इसे लेकर मान्यता है कि यहां माता नर्मदा स्वयं भगवान भोलेनाथ के अभिषेक के लिए यहां स्वयं प्रकट हुई थीं। इसकी स्थापना च्यवन ऋषि ने की थी और इसे चंद्रकेश्वर मंदिर के नाम से जाना जाता है।
चारों ओर घना जंगल और पहाड़ियां
बैतूल नेशनल हाइवे पर स्थित यह मंदिर इंदौर से करीब 65 किलोमीटर दूर है। इसके चारों ओर घना जंगल और पहाड़ियां है। इसके बाद भी यहां भक्तों की भीड़ हर मौसम में देखने मिलती है। यह शिवलिंग करबी 3 हजार साल पुराना बताया जाता है।
दूसरे दिन जलमग्न मिले शिव
स्थानीय निवासियों के अनुसार च्यवन ऋषि ने यहां स्वयं तप किया था। वे रोज स्नान के लिए नर्मदा तट तक जाते थे जो कि 60 किलोमीटर दूर स्थित था। ऐसी भी मान्यता है कि उनकी तपस्या से प्रसन्न होेकर मां नर्मदा स्वयं प्रकट हुई थीं और उनके द्वारा स्थापित मंदिर में आने के लिए कहा था। उनकी बात पर संदेह करते हुए उन्होंने अपना गमछा तट पर छोड़ दिया। जो दूसरे दिन उसी शिवलिंग से लिपटा हुआ मिला और भगवान शिव जलमग्न मिले। यहां समीप ही एक नर्मदा कुंड भी बना हुआ है ।ऐसा भी कहा जाता है कि च्यवन ऋषि के बाद सप्त ऋषियों ने भी यहां तप किया था। उनके नाम का कुंड भी यहां माैजूद है।

Created On :   1 Dec 2017 10:50 AM IST