संतान सुख से हैं वंचित, तो करें ये उपाय, जल्द होगी संतान प्राप्ति

Children are disadvantaged, so do these remedies
संतान सुख से हैं वंचित, तो करें ये उपाय, जल्द होगी संतान प्राप्ति
संतान सुख से हैं वंचित, तो करें ये उपाय, जल्द होगी संतान प्राप्ति

डिजिटल डेस्क, भोपाल। विवाह के बाद गृहस्थ जीवन शुरू होते ही सभी दंपती की कामना होती है कि उनके यहां भी संतान हो। उन्हें भी संतान सुख हासिल हो। फिर भी कहीं-कहीं पर देखा जाता है कि तमाम कोशिशों के बावजूद कुछ दंपती सालों तक संतान सुख से वंचित रहते हैं। दरअसल कहा जाता है कि संतान सुख पूर्व जन्मों का फल होता है जो हमें संतान के रूप में प्राप्त होता है। पूर्व जन्मों के कर्मों का ही नतीजा होता है कि कोई-कोई व्यक्ति संतान सुख से वंचित रह जाते हैं। ऐसे में कुछ सरल उपाय जो दंपतीको करना चाहिए जिससे वे संतान सुख भोग सकते हैं।


संतान प्राप्ति के अचूक उपाय

मंत्रसिद्धि चैतन्य पीली कौड़ी को शुभ मुहूर्त में विधिपूर्वक बंध्या स्त्री की कमर में बाँधने से उस निःसंतान स्त्री की गोद शीघ्र ही भर जाती है।

बरगद के पत्ते पर कुमकुम से स्वास्तिक का निर्माण कर उसपर चावल और एक सुपारी रखकर किसी देवी मंदिर में चढ़ा दें। इससे भी संतान सुख की प्राप्ति शीघ्र होती है।

घर से बाहर निकलते समय यदि काली गाय आपके सामने आ जाए तो उसके सिर पर हाथ अवश्य फेरें। इससे संतान सुख का लाभ प्राप्त होता है।

गरीबों  को गुड़ का दान करने से भी संतान सुख प्राप्त होता है।

 


विवाहित स्त्रियों को नियमित रूप से पीपल की परिक्रमा करना चाहिए और पीपल के पेड़ पर दीपक लगाना चाहिए इससे उन्हें संतान अवश्य प्राप्त होती है।

श्रवण नक्षत्र में प्राप्त किये गए काले अरंडी की जड़ को विधिपूर्वक कमर में धारण करने से स्त्री को संतान सुख अवश्य मिलता है।

रविवार के दिन यदि विधिपूर्वक सुगन्धरा की जड़ लाकर गाय के दूध के साथ पीसकर स्त्री को खिलाई जाए तो उसे संतान सुख अवश्य मिलता है।

संतान सुख प्राप्ति का एक उपाय यह भी है की गेंहू के आटे की गोलियां बनाकर उसमें चने की दाल और थोड़ी सी हल्दी मिलाकर गाय को गुरुवार के दिन खिलाएं। तो देव कृपा से संतान अवश्य होती है। 

रविवार को पुष्य नक्षत्र में आक (मदार) की जड़ बंध्या स्त्री की कमर में बाँध दें इससे गर्भधारण करके वह संतान को जन्म अवश्य देगी। 

 


पति-पत्नी दोनों या दोनों में से जो भी आस्था और श्रद्धाभाव से भगवान श्रीकृष्ण का एक बालरूपी चित्र अपने कक्ष में लगाकर प्रतिदिन 108 बार इस मन्त्र का जप पूरे एक वर्ष तक करें ते उसकी मनोकामना अवश्य ही पूर्ण हो जाएगी। 


देवकी सूत गोविन्द वासुदेव जगत्पते। 
देहि में तनयं कृष्ण त्वामह शरणंगता
 

यदि किसी रजश्वला स्त्री को स्वप्न में नागदेवता के दर्शन हो जाएं तो स्वयं को कृतार्थ समझना चाहिए | यह इस बात का संकेत है कि उसके द्वारा की गई क्रिया सफल हुई है। उसे अवश्य और शीघ्र ही सुन्दर, यशस्वी और दीर्घायु संतान की प्राप्ति होगी।


किसी व्यक्ति की मृत्यु उपरान्त अर्थी निकल रही हो तब संतानहीन स्त्री को पीले वस्त्र पहनकर चौराहे पर पहुंचकर पश्चिम से पूरब की ओर अर्थी के नीचे से निकल जाए। और मन में विचार करे कि तुझे मेरे पुत्र के रूप में जन्म लेना है। 

 


रविपुष्य नक्षत्र के दिन विधिपूर्वक अश्वगंधा की जड़ लाकर उसे छाया में सुखाकर, पीसकर और छानकर चूर्ण बना लें। रोज सवा तोला चूर्ण का भैंस के दूध के साथ सेवन करें। इसके साथ

ओम नमः शकी रूपाय मम गृह पुत्रं कुरु कुरु स्वः । 

इस मन्त्र का एक माला जप भी अवश्य करें।

पुरुष अश्विनी नक्षत्र से एक दिन पहले बेल के वृक्ष को आमंत्रित कर आये और दूसरे दिन उस वृक्ष का पत्ता लाकर एक रणवाली गाय के दूध (जिसने अभी-अभी संतान को जन्म दिया हो) में पीसकर स्त्री को पिलाये और उसके साथ सहवास-क्रिया करे तो एक बार में ही स्त्री का गर्भ ठहर जाता है।

स्वस्थ व निरोगी होने पर भी संतान-सुख से वंचित स्त्री श्वेत लक्ष्मणा-बूटी की इक्कीस गोली बनाकर रखे और एक-एक गोली का प्रतिदिन गाय के दूध के साथ सेवन करे, तो उसे संतान का लाभ अवश्य होगा।

यदि कोई संतानहीन स्त्री, दूसरी किसी स्त्री की प्रथम संतान की नाल को प्राप्त करके, सुखाकर बारीक पीस ले और पुराने गुड़ के साथ उसका सेवन करे या शुद्ध सोने के ताबीज में भरवाकर बायीं भुजा में धारण कर ले, तो उस स्त्री को संतान की प्राप्ति अवश्य होगी।

Created On :   13 April 2018 11:50 AM IST

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