चूड़ामणि मंदिर, यहां देवी के चरणों से इसे चुराने के बाद ही पूरी होती है मन्नत

Devi Chudamani Temple, Chudiyala village Mohanpur at Uttarakhand
चूड़ामणि मंदिर, यहां देवी के चरणों से इसे चुराने के बाद ही पूरी होती है मन्नत
चूड़ामणि मंदिर, यहां देवी के चरणों से इसे चुराने के बाद ही पूरी होती है मन्नत

डिजिटल डेस्क, रुड़की। अलग-अलग मंदिर और अलग-अलग मान्यताएं, भारत देश में ना ही चमत्कारों की कमी है और ना ही रहस्यों की। आज आपको एक ऐसे ही मंदिर के बारे में बताया जा रहा है। जहां चोरी करने के बाद ही आपकी मनोकामना पूर्ण होती है। यहां हर साल लाखों की संख्या में भक्त पहुंचते हैं। कहा जाता है कि जो भी भक्त यहां चोरी करता है उसकी मनोकामना जरूर पूर्ण होती है। यह अनोखा मंदिर उत्तराखंड के रुड़की के चुड़ियाला गांव  में स्थित है और इसे चूड़ामणि देवी मंदिर के नाम से जाना जाता है। यहां ज्यादातर वे लोग आते हैं जो पुत्र प्राप्ति की कामना रखते हैं। 

 

मंदिर की परंपरा के अनुसार

मंदिर को लेकर मान्यता है कि जो भी पति-पत्नी माता के चरणों से लोकड़े (लकड़ी का गुड्डा) चोरी करके ले जाता है उसकी मनोकामना अवश्य पूर्ण होती है, अर्थात उन्हें पुत्र रत्न की प्राप्ति होती है। इसके बाद मांगी गई मन्नत अाैर मंदिर की परंपरा के अनुसार उन्हें अपने पुत्र के साथ यहां माथा टेकने के लिए आना पड़ता है।

 

पुत्र के हाथों से ही...

इसके बाद वे लोग यहां भंडारे का भी आयोजन करते हैं और अपने पुत्र के हाथों से ही एक अन्य लोकड़े को यहां चढ़वाते हैं, जिससे किसी अन्य पति-पत्नी की मनोकामना को यहां पूर्ण किया जा सके। बताया जाता है कि इस मंदिर को 1805 में लंढौरा रियासत के राजा ने बनवाया था। 

 

जंगलों में माता का चूड़ा गिरा 

मंदिर को लेकर एक कथा भी प्रचलित है कहा जाता है कि पति के अपमान से व्यथित सती ने जब स्वयं को भस्मीभूत कर लिया था तब शिव उनके शरीर को लेकर तीनों लोकों में भटक रहे थे। तभी विष्णु चक्र से खंड-खंड होकर उनके शरीर के विभिन्न हिस्से धरती पर गिरे थे जहां आज शक्तिपीठ स्थापित हैं। ऐसी मान्यता है कि यहां स्थित जंगलों में माता का चूड़ा गिरा था। जिसकी वजह से ही इसका नाम चूड़ामणि पड़ा। 

Created On :   28 Nov 2017 10:29 AM IST

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