दान देने से दूर होते हैं ग्रह दोष, जानिए किसका है क्या महत्व

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। शास्त्रों में दान करने का विशेष महत्व बताया गया है। किसी भी दिन, त्योहार या उत्सव के अवसर पर दान करने की सलाह दी जाती है। ग्रह दोष को टालने और के बुरे ग्रह नक्षत्रों के प्रभाव को दूर करने के लिए दान करना सबसे उत्तम माना जाता है। कहा जाता है कि ऐसा करने पर मनुष्य के जीवन में सुख समृद्धि का आगमन होता है। गरीब, अपाहिज, वृद्ध, किन्नर सहित प्रत्येक को दिए गए दान एवं दान में दी गई वस्तु का अलग ही महत्व है। यहां हम आपको दान के इसी महत्व के बारे में बताने जा रहे हैं।
पुरातन काल मंे कभी भी किसी गरीब या ब्राम्हण को द्वार से खाली हाथ नही लौटाया जाता था। ब्राम्हण पांच घर में भिक्षा मांगता था और प्रत्येक घर से उसे दान दिया जाता था। यदि किसी दिन उसे भिक्षा ना मिले तो वह भूखा रहता था। दान देने और लेने दोनों के ही महत्व को पुराणों में स्वीकारा गया एवं महत्व दिया गया है।
ना लौटाएं खाली हाथ
ऐसा भी कहा जाता है कि कई बार आपके पुण्य प्रताप से प्रसन्न होकर आपके आराध्य भी आपके द्वार पर आ सकते हैं। ऐसे में यदि आप उन्हें खाली हाथ लौटाते हैं तो दरिद्रता एवं दुखों का आगमन आपके घर पर होता है। भिखारी और किसी भी ब्राम्हण भिक्षु को कदापि खाली हाथ नही लौटाना चाहिए। अपने सामथ्र्य के अनुसार उन्हें दान अवश्य ही देना चाहिए। यदि आप उन्हें भोजन देते हैं तो उसका भी पुण्य फल आपको प्राप्त होता है।
किन्नर को देने का भी महत्व
यदि किन्नर आपके घर के दरवाजे पर आए तो उसे भी खाली हाथ ना लौटाएं, किन्नरों को दान से बुध ग्रह की स्थिति मजबूत होती है एवं घर में सुख समृद्धि का आगमन होता है। हरे रंग की वस्तु आदि का दान बहुत ही लाभप्रद माना गया है।
अपाहिज को दान
शनि-राहु के प्रकोप से राहत पाने के लिए अपाहिजों को दान देना उर्पयुक्त होता है। ऐसा करने से आपको निश्चित ही लाभ होगा। ज्योतिष शास्त्र में इसे फलदायी बताया गया है।
Created On :   22 Feb 2018 9:46 AM IST