कुण्डली में है शनि, राहु दोष तो करें बजरंगबली का ये व्रत

Hanuman‬ ‪Puja‬ on Mangalvar or Tuesday for remove shani dosha
कुण्डली में है शनि, राहु दोष तो करें बजरंगबली का ये व्रत
कुण्डली में है शनि, राहु दोष तो करें बजरंगबली का ये व्रत

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मंगलवार का दिन बजरंगबली का बताया गया है। इस दिन इनका पूजन, व्रत अति शुभकारी बताया गया है, लेकिन रामभक्त हनुमान पूजन, व्रत के नियम कठिन बताए गए हैं, जिनमें किसी भी तरह की कोताही विपरीत परिणाम लेकर आ सकती है। मंगलवार को हनुमान जी का पूजा करने से कई ग्रहों के नकारात्मक प्रभाव कम होते हैं। 

11 वां अवतार

बजरंगली को भगवान शिव का 11वां अवतार बताया गया है। इन्हें कलयुग का देवता कहा जाता है। यही कारण है कि जब किसी व्यक्ति की कुंडली में शनि, मंगल, राहु और केतु जैसे ग्रहों के दुष्प्रभाव होते हैं तो उसे मंगलवार को हनुमान जी का पूजन, व्रत करने के लिए कहा जाता है।

अशुभ योग भी दूर

जिन लोगों की कुडंली ने मंगल दोष होता है उन्हें भी मंगलवार का पूजन, व्रत करने के लिए कहा जाता है। इस दिन हनुमान जी की पूजा करने से मंगल ग्रह के अशुभ योग भी दूर होते हैं। मंगलवार को ही हनुमाजी को सिंदूर चढ़ाने से वे अति प्रसन्न होते हैं और दीर्घायु का वरदान देते हैं। यहां हम आपको हनुमानजी की व्रत कथा के बारे में बताने जा रहे हैं। 

व्रत कथा

एक समय की बात है एक ब्राम्हण दंपत्ति की कोई संतान नहीं होने से वे बेहद दुखी थे। एक बार वह पुत्र की कामना से वन में हनुमाजी के पूजन के लिए वन में गया, घर पर उसकी स्त्री भी हनुमानजी की पूजन, व्रत में लग गई। एक बार मंगलवार पूजन के दिन वह बजरंगबली को भोग नहीं लगा पाई इससे वह बेहद दुखी हुई। उसने भोग के बाद ही स्वयं भोजन का निर्णय लिया। इस तरह दूसरा मंगलवार आ गया वह 6 दिनों तक बिना खाए पिए पड़ी रही। जिसके बाद बजरंगबली उसकी भक्ति से प्रसन्न हुए और उसे आशीर्वाद स्वरूप एक पुत्र दिया। उन्होंने कहा ये तुम्हारी सेवा करेगा।

ब्राम्हणी ने उसका नाम मंगल ही रखा। पति के लौटने पर उसने ये सभी बातें उसे बताईं, लेकिन पति को उस पर विश्वास नहीं हुआ। रात होते ही उसने मंगल को कुएं में धक्का दे दिया। मंगल के नहीं दिखने पर उसने पति से पूछा कि मंगल कहा हैं, उसके नाम लेते ही मंलवार पीछे से आ गया। इस पर ब्राम्हण को आश्चर्य हुआ और वह वहां से चला गया। उसी रात ब्राम्हण को हनुमानजी ने स्वप्न देकर पुत्र के के बारे में बताया। इस पर वह बेहद प्रसन्न हुआ। कहा जाता है कि मंगलवार के व्रत ने ब्राम्हण दंपत्ति के सभी सुख हर लिए, इसलिए बजरंगबली को कष्टभंजन भी कहा जाता है। 

Created On :   3 Oct 2017 8:44 AM IST

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