देवी-देवताओं को प्रिय हैं ये नीले, पीले और सफेद पुष्प

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। विभिन्न कर्मकांडों एवं पूजा-पाठ में फूलों का अत्यधिक महत्व है। फूलों के बगैर कोई भी अनुष्ठान पूर्ण नही माना जाता। फिर चाहे वह यज्ञ हो या आरती। यहां हम आपको बताने जा रहे है कि कौन भगवान को कौन सा पुष्प या फूल अधिक प्रिय है और इसे अर्पित करने से प्रसन्न हो जाते हैं...
भगवान श्रीगणेश
इन्हें तुलसी छोड़कर किसी भी तरह के फूलों को चढ़ाया जा सकता है। ये सबमें प्रसन्न हो जाते हैं। गणपति को दुर्वा अधिक प्रिय है। यदि उसके ऊपरी हिस्से में तीन या पांच पत्तियां होती हैं तो उसका महत्व और बढ़ जाता है।
भगवान शिव
भोले भंडारी को वे चीजें चढ़ाई जाती हैं, जो किसी को नहीं चढ़तीं। इन्हें धतूरे के फूल, आक, कनेर, हरसिंगार, केवड़े के फूल अधिक प्रिय हैं। बेलपत्र चढ़ाने से ये शीघ्र प्रसन्न हो जाते हैं।
भगवान विष्णु
मौलश्री, केवड़ा, जूही, चंपा, मालती, वैजयंती, कचनार, आक के पुष्प प्रिय हैं। तुलसी की पत्तियां चढ़ाने से ये शीघ्र प्रसन्न होते हैं। इन्हें पीले पुष्प चढ़ाने से ये सुखों का वरदान देते हैं।
सूर्य नारायण
लाल पुष्प चढ़ाना सूर्यदेव को शुभ माना गया है। कनेर, चंपाा, पलाश, आक भी चढ़ाया जा सकता है। कुटज के फूलों से इनकी पूजा की जाती है।
भगवती गौरी
बेलाए सफेद कमल, पलाश, चंपा के पुष्प इन्हें चढ़ाए जाते हैं। वे सभी पुष्प जो भगवान भोलेनाथ को चढ़ते हैं इन्हें भी अर्पित किए जा सकते हैं।
देवी लक्ष्मी
इन्हें कमल का पुष्प सर्वाधिक प्रिय है। लाल गुलाब, पीले फूल चढ़ाकर भी इन्हें प्रसन्न किया जा सकता है।
मां सरस्वती
विद्या की देवी मां सरस्वती को सफेद फूल अर्पित करें। इन्हें सफेद कनरे, सफेद गुला या फिर पीला गेंदा चढ़ाकर प्रसन्न किया जा सकता है।
पवन पुत्र हनुमान
इन्हें लाल गुलाब, लाल गेंदा चढ़ाया जा सकता है। इन्हें लाल पुष्प अधिक प्रिय हैं।
शनिदेव
वैसे तो शनिदेव तिल और तेल से ही प्रसन्न होते हैं, किंतु इन्हें लाजवंती के साथ ही नीले और गहरे रंगे के फूल चढ़ाना शुभ बताया गया है।




Created On :   5 Dec 2017 11:30 AM IST