'कार्तिक स्नान' आज से प्रारंभ, अब लगेगी त्योहारों की झड़ी

डिजिटल डेस्क, भाेपाल। 5 अक्टूबर यानी गुरुवार से ऋतु परिवर्तन व हिंदी पंचांग का सबसे पवित्र महीना कार्तिक शुरू होगा। यह माह खान-पान, जीवन में बदलावों के साथ त्योहारों की झड़ी भी लगाएगा। इस माह में शरद पूर्णिमा से कार्तिक पूर्णिमा तक 17 दिन तक व्रत त्योहार मनाए जाएंगे। इस माह में ब्रम्ह मुहूर्त में उठकर पवित्र नदी में स्नान, तुलसी की परिक्रमा, दीपदान व भजन-कीर्तन का अत्यधिक महत्व बताया गया हैं। नियम से इनका पालन करने से अक्षय फलों की प्राप्ति होती है। पूर्णिमा के हिसाब से कार्तिक मास 5 अक्टूबर से प्रारंभ होकर 3 नवम्बर तक चलेगा।
भगवान विष्णु को प्रिय
स्कंदपुराण के अनुसार सतयुग के समान कोई युग नहीं वेदों के समान कोई शास्त्र ज्ञान नहीं, गंगा जी के समान कोई नदी नहीं और कलयुग में कार्तिक के समान कोई मास नहीं है। भगवान विष्णु को जैसे तिथियों में एकादशी प्रिय है वैसे ही मासों में कार्तिक मास अतिप्रिय है, इसी कारण इस माह में किए गए धर्म-कर्म से भगवान प्रसन्न होकर कृपा करते हुए मनुष्य के सभी प्रकार के दैहिक, दैविक एवं भौतिक तापों का हरण कर उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं।
ब्रम्ह मुहूर्त में करें स्नान, पूजन
कार्तिक माह में लगातार ब्रम्ह मुहूर्त में पवित्र नदी, पोखर में स्नान के बाद भगवान विष्णु का पूजन व सूर्य को अर्घ्य देने से पुण्य की प्राप्ति होती है। इसे तीर्थ यात्रा के समान ही माना गया है। इस माह में दीपदान का भी अत्यधिक महत्व है। यदि घर की छत पर प्रतिदिन दीपक जलाया जाए तो सौभाग्य में वृद्धि होती है।
कब कौन सा व्रत-त्योहार
5 अक्टूबर : शरद पूर्णिमा
8 अक्टूबर : करवा चौथ
12 अक्टूबर : अहोई एकादशी
15 अक्टूबर : रमा एकादशी
16 अक्टूबर : गौवत्स एकादशी
17 अक्टूबर :धनतेरस
18 अक्टूबर : रूप चतुर्दशी
19 अक्टूबर :दिवाली
20 अक्टूबर : गोवर्धन पूजा
21 अक्टूबर : भाईदूज
25 अक्टूबर : सौभाग्य पंचमी
24-26 अक्टूबर :डाला छठ
28 अक्टूबर :गोपाष्टमी
29 अक्टूबर :आंवला नवमीं
31 अक्टूबर :देव प्रबोधिनी एकादशी
3 नवंबर : कार्तिक पूर्णिमा, देव दिवाली





Created On :   4 Oct 2017 11:41 AM IST