माघ स्नान 2018 : विशेष पुण्यों को प्रदान करता है हर एक दिन

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। माघ माह में स्नान का अत्यधिक महत्व है। माना जाता है कि इस माह में ब्रम्हमुहूर्त में गंगा व नर्मदा स्नान से भगवान विष्णु के साथ शिव की भी कृपा प्राप्त होती है। पूरे माह में हर दिन का अलग ही महत्व है। यह एक मात्र ऐसा माह है जब पूरे माह कोई ना कोई विशेष तिथि, अबूझ मुहूर्त व व्रत का शुभ योग पड़ता है।
माघ माह में स्नान के लिए सबसे ज्यादा लोग त्रिवेणी के तट पर पहुंचते हैं। यहां माघ मेला भरा जाता है, जो दुनियाभर में प्रसिद्ध है। यहां नजारा लगभग कुंभ के ही समान होता है। अनेक लोग यहां कल्पवास करते हैं और पूरे माह गंगा के तट पर ठहरकर मां गंगा, विष्णु व भगवान शंकर की आराधना करते हैं। इस माह में तिल दान व पूजन का विशेष महत्व है। यह स्नान के पश्चात पूरे माह दान किया जा सकता है।
-इसी माह में पड़ने वाली षटतिला एकादशी पापों का नाश करने वाली बतायी गई है। माघ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को षटतिला एकादशी कहा गया है। इस दिन तिल का स्नान का विशेष महत्व है।
-मौनी अमावस्या के दिन मौन अर्थात बिना किसी से बात किए स्नान का महत्व है। इस दिन तिल के लड्डू, तिल का तेल, आंवला आदि का दान करना चाहिए। यह मोक्ष प्रदायी बताया गया है।
-बसंत पंचमी के दिन तो स्नान के पश्चात सूर्य को अघ्र्य और मां सरस्वती का पूजन बुद्धि एवं चातुर्य में वृद्धि करने वाला कहा गया है।
-भीमाष्टमी के दिन को लेकर मान्यता है कि इस दिन भीष्म पितामह ने सूर्य उत्तरायण होने पर प्राणों को त्यागा था। इसलिए उनके निमित्त जलदान, पूजन आदि करना चाहिए।
-माघ पूर्णिमा के संबंध में कहा जाता है कि इस दिन चंद्रमा सोलह कलाओं के साथ निकलता है। अतः इस दिन किया गया पूजन सभी दोषों से मुक्ति दिलाने वाला बताया गया है।
Created On :   2 Jan 2018 9:55 AM IST