दैनिक जीवन से जुड़ी कई बातें देती हैं शुभ-अशुभ संकेत

Many things related to daily life give Auspicious and inauspicious signs
दैनिक जीवन से जुड़ी कई बातें देती हैं शुभ-अशुभ संकेत
दैनिक जीवन से जुड़ी कई बातें देती हैं शुभ-अशुभ संकेत

डिजिटल डेस्क, भोपाल। हमारे शास्त्रों और पुराणों में हमारे दैनिक जीवन से जुड़ी कई ऐसी बातों और आदतों के बारे में कहा गया है, जो वैसे तो देखने में सामान्य सी लगती हैं लेकिन यथार्थ में वो हमें आने वाले कल के विषय में बता रही होती हैं। दूसरे शब्दों में कहें तो ये हमारे आने वाले कल में अच्छा या बुरा होने की भविष्यवाणियां करती हैं जिसे अज्ञानतावश हम समझ नहीं पाते।

इन घटनाओं को आज भी समझकर अपनी कुछ आदतों में सुधार लाकर हम अपना भविष्य सुधार सकते हैं।

 


1. एक साल में पड़ने वाले त्यौहारों के विषय में भी कई भविष्यवाणियां छुपी होती हैं। यह दिनों के क्रम से जुड़ा है। इसके अनुसार जिस भी वर्ष में होली, लोहड़ी और दिवाली क्रमश: शनिवार, रविवार और मंगलवार को पड़े, तो उस वर्ष देश में कोई भीषण बीमारी या महामारी फैल सकती है।

 


2. शास्त्रों की मानें तो सुबह उठने के बाद जो भी व्यक्ति रात का रखा पानी पीकर अपनी हथेलियां देखता है, थोड़ी बहुत स्वास्थ्य परेशानियों के अलावा वह कभी भी बड़ी बीमारियों का शिकार नहीं होता।

 


3. शास्त्रों के अनुसार हर माह में स्वास्थ्य के लिए कुछ चीजें खाना निषेध है। व्यक्ति अगर ऐसा करता है तो वह रोगों का शिकार होकर अल्पायु को प्राप्त करता है अर्थात अल्पायु में रोगों के कारण उसकी मृत्यु होती है। आइये जानते हैं कौन से मास के हिसाब से क्या खाना निशेध है।

चैत्र मास में गुड़ खाना वर्जित है।

वैशाख मास में तेल खाने से मना किया गया है। 

ज्येष्ठ महीने में रास्ते में पैदल चलना सख्त मना है। 

आषाढ़ में बेल (फल) का सेवन करना निषेध है। 

सावन में साग खाने की सख्ती से मनाही है। 

भाद्रपद में दही खाना वर्जित है। 

आश्विन में दूध पीने से परहेज करना चाहिए। 

कार्तिक में छाछ नहीं पीना चाहिए। 

अगहन में जीरा खाने से परहेज करना चाहिए। 

पौष में धनिया नहीं खाना चाहिए। 

माघ में मिश्री खाना वर्जित होता है। 

फाल्गुन के महीने में सूखे चने खाना हानिकारक माना गया है।

 


4. मौसम विज्ञान आने वाले दिनों में बरसात और मौसम से जुड़ी दूसरी प्राकृतिक संभावनाओं की सूचना देता है, लेकिन पुराने समय में मौसम और बारिश का हाल आसमान और बादलों का रंग देखकर पता किया जाता था। ये आज भी उतने ही कारगर हैं। माघ के महीने में आसमान में लाल बादलों के घिरने का अर्थ है कि कही ओले पड़ने वाले हैं।

 


5. शास्त्रों में एक बहुत बड़ी भविष्यवाणी यह है कि जब भी गिरगिट सिर नीचे करके, यानि उल्टा पेड़ पर चढ़ता नजर आएगा तब पृथ्वी पानी में समा जाएगी। सामान्य अर्थों में यह भीषण बाढ़ का संकेत होता है। इसलिए अगर ऐसा दिखे तो पहले से ऐसी परिस्थितियों के लिए सचेत हो जाएं।

 


6. शास्त्रों के अनुसार अगर अचानक घर में दाना इकट्ठा करतीं चीटियां पैदा हो जाएं, तो यह आने वाले निकट भविष्य में कुछ बुरा होने की आशंका पैदा करती हैं। इसके अलावा घर में अचानक लाइन के साथ ढेर सारी चीटियां चलना तेज बारिश होने का भी संकेत देती हैं।

 


7. पेड़ों पर बगुले को बैठा शायद ही आपने कभी देखा हो, लेकिन अगर किसी पेड़ पर बगुला बैठा दिखे तो समझें कि जल्द ही उस पेड़ का नाश होने वाला है। कारण कुछ भी हो सकता है। अगर घर के वृक्ष पर ऐसा हो, तो बरसात में उसपर बिजली गिरने की आशंका भी हो सकती है। इसलिए बारिश से बचने के लिए ऐसे किसी वृक्ष के नीचे कभी खड़े ना हों।

 


8. किसानों के लिए बैल ही उसके जीवन का पोषण करने वाला हुआ करता था। वैसे आज वैज्ञानिक विधि के कारण कृषि में इसका उतना अधिक महत्व नहीं रहा है, लेकिन आज भी गरीब किसानों के लिए बैल उसकी खेती के लिए आवश्यक हैं। शास्त्र वचनों के अनुसार तो 7 और 9 दांतों वाले बैल अपने मालिकों के लिए बहुत अशुभ होते हैं। 
सात दांतों वाला बैल जहां इसके स्वामी यानि परिवार के मुखिया के लिए मृत्युकारक माना गया है, वहीं नौ दांतों वाले बैल को पूरे परिवार के लिए संकट लाने वाला माना गया है। 

Created On :   1 Jun 2018 12:46 PM IST

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story