गंगा तट पर 'ब्रम्हचारिणी', यहां पूर्ण होती है संतान-यश की कामना

On second day of Navaratri,  maa brahmacharini temple varanasi
गंगा तट पर 'ब्रम्हचारिणी', यहां पूर्ण होती है संतान-यश की कामना
गंगा तट पर 'ब्रम्हचारिणी', यहां पूर्ण होती है संतान-यश की कामना

डिजिटल डेस्क, काशी। नवरात्र में दुर्गा पूजा के क्रम में ब्रह्मचारिणी देवी का दर्शन-पूजन बहुत महत्‍वपूर्ण माना गया है। शैलपुत्री के समान ही मां ब्रम्हचारिणी का भी एक ऐसा मंदिर है जहां दर्शन मात्र से यश प्राप्त होती है। 

नवरात्र पर बदल जाता है नजारा 

यह मंदिर स्थित है काशी के गंगा किनारे सप्तसागर (कर्णघंटा) क्षेत्र में बालाजी घाट पर। यहां मां ब्रह्मचारिणी के मंदिर में सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ लग जाती है। गंगा तट पर होने की वजह से नवरात्र के दौरान यहां का माहौल बेहद आलौकिक एवं अद्भुत होता है। लाखों की संख्या में भक्त देवी दर्शनों के लिए पहुंचते हैं। 

अत्यंत भव्य रूप 

इनके दाहिने हाथ में जप की माला एवं बाएं हाथ में कमंडल है। कहा जाता है कि जो देवी के इस रूप की आराधना करता है उसे साक्षात परब्रह्म की प्राप्ति होती है। ब्रह्मचारिणी देवी का स्वरूप पूर्ण ज्योतिर्मय एवं अत्यन्त भव्य है। ऐसा भी मान्यता है कि मां के दर्शन मात्र से भक्तों को यश और कीर्ति प्राप्त होती है। 

पहुंचते हैंं निःसंतान दंपत्ति

नवरात्र पर्व पर यहां का माहौल मेले के समान रहता है। ऐसी मान्यता है कि मां के इस रूप का दर्शन करने वालों को संतान सुख प्राप्त होता है। अनेक निःसंतान दंपत्ति भी अपनी मनोकामना लेकर माता के दरबार में आते हैं। यहां भक्तों की हर मनोकामना पूरी होती है। 

Created On :   22 Sep 2017 3:34 AM GMT

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story