एक साथ पड़े ये तीन संयाेग, अाज बरतें विशेष सावधानी
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। महाशिवरात्रि इस वर्ष दो दिन मनाई गई। अष्टम मुहूर्त की वजह से इसे 13 एवं 14 फरवरी दो दिन तक मनाया गया। मंदिरों में घंटे घडि़याल गूंजे, वाराणसी से लेकर महाकालेश्वर तक हर ओर शिव के जयकारे लगाए गए। यही महादेव के 12 ज्योर्तिंगों में इस विशेष दिन की धूम अलग ही देखने मिली। हर कोई हर-हर महादेव की भक्ति में डूबा नजर आया, किंतु इसके पश्चात अब 15 फरवरी 2018 को एक साथ तीन संयोग पड़ रहे हैं। हालांकि इन्हें शुभ नही कहा जा सकता। शिव की आराधना के महत्वपूर्ण दिन के बाद इसे भगवान विष्णु की आराधना पूजा के लिए उर्पयुक्त माना जा रहा हैए ताकि इसके बुरे प्रभावों से बचा सके।
दरअसल, 15 फरवरी 2018 को स्नानदान अमावस्या, सूर्यग्रहण और पंचक एक साथ है। तीनों का प्रभाव अलग-अलग तरह से देखने मिलेगा। समयकाल भी अलग ही है और ग्रह नक्षत्रों के अनुसार ये मनुष्य को प्रभावित भी अलग तरह से ही करेगा।
स्नानदान अमावस्या
इस अवसर पर ब्रम्हमुहूर्त में पवित्र नदियों का स्नान कर दान करना चाहिए। सूर्य देव को अघ्र्य एवं विष्णु पूजन के लिए ये बहुत ही उर्पयुक्त दिन माना गया है। इस दिन दान करने से अंजाने में हुई गलतियों और उनसे लगने वाले दोषों का नाश होता है।
पंचक
पंचक काल रात्रि 8.40 बजे प्रारंभ होगा जो कि 20 फरवरी 12.44 दिन तक जारी रहेगा। इस काल में दक्षिण दिशा में यात्रा, नवीन सामग्री खरीदना, अग्नि से जुड़े कार्य, छत डलवाना, चारपाई बनवाना आदि कार्य वर्जित बताए गए हैं। इन दिनों में किया गया कोई भी शुभ-अशुभ कार्य पांच गुणा तक करना होता है।
सूर्य ग्रहण
यह रात्रि 12.25 मिनट पर शुरू होगा और सुबह 4 बजे इसका मोक्ष काल है। इस दौरान भी पूजा-पाठ, भोजन आदि वर्जित बताए गए हैं। हालांकि यह भारत में नही दिखाई देगा, किंतु इसका आंशिक प्रभाव महसूस किया जा सकता है।
Created On :   14 Feb 2018 3:26 AM GMT