प्रदोष व्रत : आरोग्य और इच्छापूर्ति के लिए इस दिन करें शिव पूजा
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव की पूजा का महत्व है। हिंदू चंद्र कैलेण्डर के अनुसार प्रदोष व्रत चंद्र मास के 13 वें दिन रखा जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव का विधि-विधान से पूजा की जाए तो समस्त पापों का नाश होता हैं। अनजाने में हुई गलतियों से भी छुटकारा मिलता है। साथ ही इस व्रत को मोक्ष की कामना से भी रखा जाता है। इस बार यह 29 जनवरी 2018 सोमवार को मनाया जाएगा।
जीवन में सुख और शांति
प्रदोष व्रत के संबंध में ऐसा उल्लेख शास्त्रों में मिलता है कि एक दिन जब चारों ओर अंधकार और पाप का बोलबाला होगा। हर ओर पाप कर्म बढ़ने लगेगा, तब प्रदोष का यह व्रत रखने से मनुष्य जीवन में सुख और शांति प्राप्त कर सकेगा। इस व्रत को 26 या 11 त्रयोदशियों तक पूर्ण होने के बाद इसके उद्यापन का भी महत्व है। व्रत उपवास विधि-विधान से करने के बाद उद्यापन भी विधि-विधान से ही करना उत्तम बताया गया है।
श्रेष्ठ एवं विशेष दिनों में से एक
इस बार यह व्रत सोमवार को पड़ रहा है अर्थात ऐसे मंे इच्छापूर्ति के लिए इसे सर्वाधिक उत्तम दिन माना जा रहा है। सोमवार को प्रदोष का महत्व आरोग्य से भी संबंधित है। जिसकी वजह से दिन भगवान शिव का पूजन करना सर्वााधिक उत्तम होगा। भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए ये दिन श्रेष्ठ एवं विशेष दिनों में से एक बताया गया है।
वारों के अनुसार प्रभाव
अलग-अलग वारों के अनुसार प्रदोष व्रत को रखने का पुण्य फल एवं लाभ भी अलग ही प्राप्त होता है।
-रविवार- आयु एवं स्वास्थ्य के लिए
-सोमवार- आरोग्य और इच्छापूर्ति के लिए
-मंगलवार- रोगों से मुक्ति स्वास्थ्य लाभ के लिए
-बुधवार-सभी मनोकामनाओं की पूर्ति करने वाला
-गुरूवार- शत्रुओं के विनाश का कारक
-शुक्रवार- सौभाग्य एवं दांपत्य जीवन में सुख शांति
-शनिवार- संतान प्राप्ति की कामना से
Created On :   17 Jan 2018 2:15 AM GMT