जगन्नाथ मंदिर का रहस्य, यहां समंदर भी नहीं करता गर्जना

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। जहां स्वयं जगन्नाथ भगवान साक्षात रूप में विराजमान हैं उस नगर को जगन्नाथ पुरी कहते हैं। जगन्नाथपुरी दुनियाभर में प्रसिद्ध एक ऐसा स्थान जहां का प्रसाद ग्रहण करना लोग अपने कई जन्मों का पुण्य मानते हैं। इसलिए कहा भी जाता है कि जगन्नाथ के भात को जगत पसारे हाथ...यह मंदिर अनेक रहस्यों को भी अपने अंदर समेटे हुए है। जिन्हें आमतौर पर भगवान की लीला कहा जाता है, जबकि विज्ञान इनका सच कभी नही जान सका। आइए जानते हैं कुछ ऐसे ही रोचक तथ्य...
-जगन्नाथ मंदिर ओडिशा में स्थित है। जगन्नाथ भगवान के साथ उनकी बहन सुभद्रा व भाई बलराम भी हैं। मंदिर के शिखर पर सदा ही लाल ध्वजा लहराती रहती है जो हवा में हमेशा विपरीत दिशा में ही नजर आती है। इसे बदलने का दृश्य भी अति रोचक होता है इसके लिए व्यक्ति उल्टा चढ़ता और उतरता है।
-यह भव्य मंदिर 4 लाख वर्गफुट में फैला है और करीब 214 फुट ऊंचा है। जिसकी वजह से इसका शिखर देखना आसान नही है। यह विश्व का सबसे बड़ा और ऊंचा मंदिर मंदिर माना जाता है। मुख्य गुंबद की छाया देख पाना भी संभव नही है।
-किसी भी स्थान से देखने पर यहां बना सुदर्शन चक्र सामने ही नजर आता है। इसे नील चक्र भी कहते हैं। यह भगवान विष्णु का चक्र है।
-जब सिंह द्वार से प्रवेश किया जाता है तो समुद्र की लहरें सुनाई नहीं देती, जबकि बाहर निकलते ही अथाह समुद्र अपनी गर्जना के साथ डरावना लगता है।
-मान्यता है कि मंदिर के गुंबद के आसपास कभी कोई पक्षी उड़ता। पक्षी शिखर के पास भी उड़ते नजर नहीं आते। किसी ने भी कही ऐसा नही देखा। इस संबंध में कहा जाता है कि जगन्नाथ सबसे ऊपर हैं उनसे ऊपर कोई कैसे उठ सकता है।
-प्रसाद बनाने के लिए 7 बर्तन एक-दूसरे पर रखे जाते हैं और इन्हें लकड़ियों पर पकाया जाता है। यह प्रक्रिया अत्यंत ही अद्भुत है।
Created On :   19 Dec 2017 9:03 AM IST