संतान होगी विकलांग, ग्रहण काल में ना करें ये 3 काम

संतान होगी विकलांग, ग्रहण काल में ना करें ये 3 काम

 

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। साल 2018 का पहला पूर्ण चंद्रग्रहण 31 जनवरी को है। सिर्फ चंद्रग्रहण ही नही, इस दिन एक ऐसी खगोलिय घटना घटने जा रही है इससे पूर्व 35 साल पहले देखने मिली थी और अब साल 2022 और फिर 2028 में ही देखने मिलेगी। 31 जनवरी को चंद्रमा हल्का नारंगी भारत में और अन्य स्थानों पर नीला दिखेगा। अर्थात ब्लड और ब्लू मून का नजारा इस दिन नजर जाएगा। यहां हम आपको कुछ ऐसे कार्यों के बारे में बताने जा रहे हैं जो ग्रहण काल में नही करना चाहिए। शास्त्रों में भी ग्रहण काल में इन कार्यों को वर्जित बताया गया है...


पूजन है वर्जित
ग्रहणकाल में भगवान का पूजन नहीं करना चाहिए। ऐसी मान्यता है कि इस वक्त भगवान कष्ट में होते हैं अतः ग्रहण उतरने के बाद ये उससे पूर्व ही पूजा करना चाहिए। इसी कारण भी ग्रहणकाल में मंदिरों के पट बंद कर दिए जाते हैं और ग्रहण समाप्त होने के बाद उनका विधि-विधान से स्नान कराकर पूजन पाठ किया जाता है। 

 

गर्भवती स्त्री रहे सावधान
गर्भवती स्त्री को भूलकर भी ग्रहण के दौरान बाहर नहीं निकलना चाहिए। साथ ही इस दौरान किसी भी चीज को सब्जी आदि को चाकू से या अन्य धारदार वस्तु से काटना नही चाहिए। कहा जाता है कि ऐसा करने से संतान को नुकसान पहुंचता है। उसके शरीर का कोई हिस्सा भी भंग हो सकता है या वह विकलांग पैदा हो सकता है। 


तुलसी पात्र का करें प्रयोग

ऐसी मान्यता है कि ग्रहणकाल के दौरान खानें-पीने की वस्तुएं खराब हो जाती हैं। यह सूतक काल माना जाता है। ऐसा होने से बचाने के लिए तुलसी पात्र को खाने-पीने की वस्तुओं में डालना उर्पयुक्त बताया गया है। ग्रहण समाप्त होने के बाद स्नान कर भगवान को भी स्नान कराया जाता है। इसका जितना धार्मिक महत्व है उतना ही वैज्ञानिक भी। 

Created On :   19 Jan 2018 3:52 AM GMT

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