इसी नक्षत्र में जन्मे थे श्रीराम, जानिए 2018 में कब है पुष्य योग

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। नक्षत्रों में शुभ और 27 नक्षत्रों का राजा पुष्य को माना गया है। इस नक्षत्र में विशेष कार्यों को पूर्ण किया जाता है। यह नक्षत्र सोने-चांदी, बर्तन आदि की खरीददारी के लिए सबसे शुभ माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि पुष्य नक्षत्र में खरीददारी करने से धन दिन दोगुना बढ़ता है और माता लक्ष्मी की कृपा होती है।
इसलिए है ज्यादा महत्व
प्रभु श्री राम भगवान का जन्म नक्षत्र होने की वजह से इसकी धार्मिक ग्रंथों में विशेष मान्यता है। जब यह गुरूवार के दिन पड़ता है तो उसे गुरू पुष्य और रविवा के दिन पड़ता है तो उसे रवि पुष्य नक्षत्र कहा जाता है। यह सभी कार्यों के लिए शुभ एवं श्रेष्ठ बताया गया है। दिवाली के अवसर पर पड़ने वाले पुष्य नक्षत्र अन्य से बड़ा व शुभ माना जाता हैै। इस वर्ष 2018 में तीन रवि और दो गुरू पुष्य नक्षत्र का योग हैं।
ऋग्वेद में इसे मंगलकर्ता, वृद्धिकर्ता, आनंद कर्ता एवं शुभ बताया गया है। रविवार, बुधवार व गुरुवार को आने वाला पुष्य नक्षत्र अत्यधिक शुभ होता है। ग्रंथों में वर्णित कथा के अनुसार ये 27 नक्षत्र भगवान ब्रह्मा के पुत्र दक्ष प्रजापति की 27 कन्याएं हैं जिनका विवाह दक्ष प्रजापति ने चंद्रमा के साथ किया था। पुष्य के देवता बृहस्पति होने के कारण यह सर्वाधिक प्रभावशाली एवं नेतृत्व करने वाला बताया गया है।
रवि पुष्य
साल का पहला रवि पुष्य 22 अप्रैल 2018 को बनेगा। इसके साथ ही 20 मई 2018 एवं 17 जून 2018 को भी रवि पुष्य शुभ संयोग देखने मिलेगा। यह ग्रह नक्षत्रों के अनुसार लोगों के लिए शुभ संदेश लेकर आएगा।
गुरु पुष्य
साल 2018 का पहला गुरू पुष्य 6 सितंबर 2018 को बनेगा। इसके अतिरिक्त 4 अक्टूबर 2018 को भी यही शुभ नक्षत्र शुभ समाचारों के साथ आएगा। इस मुहूर्त में खरीददारी के साथ ही जो भी उत्तम कार्य किए जाते हैं। उनका शुभ फल अवश्य ही प्राप्त होता है।
Created On :   2 Jan 2018 8:15 AM IST