स्वयं देवों ने किया था धरती के इन 3 सरोवरों में स्नान

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मोक्ष की कामना से लोग कितने ही जतन, उपवास, साधना और तप करते हैं, लेकिन मोक्ष प्राप्त करना उतना आसान भी नही है। ऐसा पुराणों में भी उल्लेख मिलता है। प्राचीनकाल से अब तक ऐसे अनेक साक्ष्य मिलते हैं जिनका संबंध ऋषि मुनियों और देवों से हैं। कहा जाता है कि यदि मनुष्य इनके संपर्क में आ जाए तो निश्चित ही उसे जन्म-मरण के चक्र से मुक्ति मिलती है। ऐसे ही सरोवरों के बारे में यहां हम आपको बताने जा रहे हैं जिन्हें स्वयं देवों ने धरती पर उतारा है और यहां स्वयं ऋषि मुनियों ने स्नान किया। इन्हें मोक्ष प्रदायी माना गया है।
पुष्कर सरोवर अजमेर
इसके बारे में बताया जाता है कि इस संबंध ब्रम्हदेव से है। यह एक झील है जिसे पुष्कर सरोवर कहा जाता है। इसकी गणना पंच तीर्थों में होती है और पुष्कर उत्सव के दौरान यहां महास्नान और स्नान किया जाता है, जिसमें शामिल होने के लिए दूर-दूर से ऋषि मुनि आते हैं। कहा जाता है इसके तट पर ब्रम्हदेव ने यज्ञ किया था। झील की उत्पत्ति के बारे में प्रचलित है कि ब्रम्हदेव का कमल पुष्प धरती पर गिरा जिससे जल बहने लगा, इसी से पुष्कर झील का निर्माण हुआ। इसके चारों ओर 52 घाट हैं।
कैलाश मानसरोवर
मानसरोवर अर्थात मन का सरोवर, जिसके पास ही कैलाश पर्वत स्थित है। जिस पर स्वयं भगवान शिव निवास करते हैं। कैलाश मानसरोवर की यात्रा अत्यंत ही पुण्यकारी बतायी गई है। कहा जाता है कि इसके जल से भगवान शिव को स्नान कराने और स्वयं इसका जल ग्रहण करने पुण्य दोगुना बढ़ जाता है। यहां माता सती का हाथ गिरा था और माता पार्वती ने स्वयं यहां स्नान किया था।
नारायण सरोवर कच्छ
इस सरोवर के बारे में मान्यता है कि स्वयं भगवान विष्णु ने यहां स्नान किया था। पुराणों में भी इसका उल्लेख प्राप्त होता है। यह कच्छ की लखपत तहसील में स्थित है। पूर्णिमा पर यहां भव्य मेले का आयोजन किया जाता है। यहां बड़ी संख्या में साधु सन्यासी दर्शनों के लिए आते हैं।


Created On :   1 Dec 2017 11:15 AM IST