सावन के महीने में करेें भगवान शिव का पूजन, तो इन ग्रहों को किया जा सकता है शांत

धर्म सावन के महीने में करेें भगवान शिव का पूजन, तो इन ग्रहों को किया जा सकता है शांत

डिजिटल डेस्क, भोपाल। सावन का महीना शुरु होने में अब कुछ ही दिन बचे हैं। ये महीना भगवान शंकर को बहुत ही प्रिय होता है। हिंदू मान्यताओं के मुताबिक शंकर भगवान को यदि प्रसन्न करना है तो सावन माहीने में पूजा जरूर करनी चाहिए। सावन के महीने में की जाने वाली पूजा से विशेष फल प्राप्त होता है। भगवान शिव की कृपा सदैव अपने भक्तों पर बनी रहती है। इस दौरान यदि कोई भक्त पूरी आस्था के साथ भगवान शंकर  की आराधना करता है तो उसकी सभी मनोकामना पूर्ण होती हैं। 

सावन के महीने में भगवान शंकर की विशेष पूजा की जाती है। यह भी बताया जाता है, कि सावन मास में भगवान शंकर की पूजा करने से ग्रहों की भी शांति होती है। जिन लोगों की कुंडली में राहु, केतु, शनि, चंद्रमा यदि अशुभ फल प्रदान कर रहे हैं, और जीवन कष्टों से भरा हुआ है, तो सावन के महीने में भगवान शंकर की पूजा से ग्रहों की वजह से जीवन में आने वाली बाधाओं को दूर करने मदद मिलती हैं। यही वजह है, कि सावन का लोग पूरे साल  इंतजार करते हैं। सावन में भगवान शिव की पूजा से इन ग्रहों को शांत करने में मदद मिलती है। 

सावन कब है? 
पंचांग के अनुसार इस बार सावन मास का प्रारंभ 14 जुलाई 2022 से हो रहा है। इस वर्ष सावन का महीना 29 दिनों का रहेगा। सावन का महीना 12 अगस्त 2022 को समाप्त होगा।

शनि देव - ज्योतिष शास्त्र में शनि को एक क्रूर ग्रह माना जाता है। बताया जाता है, कि शनि अपनी साढ़े साती, ढैय्या, दशा और महादशा में अशुभ फल प्रदान करते हैं। इसी वजह से मनुष्य का जीवन कष्टों से भर जाता है। सावन में भगवान शिव की पूजा करने से शनि देव के प्रभाव को कम किया जा सकता है। शनि भगवान शिव की पूजा करने से प्रसन्न होते हैं। 

राहु-केतु - ज्योतिष शास्त्र में इन दोनों ग्रहों को भी क्रूर ग्रह माना जाता है। इन ग्रहों की वजह से आपके जीवन में कुछ घटनाएं अचानक हो जाती हैं। राहु केतु से पितृ दोष और कालसर्प दोष जैसे खतरनाक योग बनते हैं, जिन लोगों की कुंडली में ये योग होते हैं उन्हें अधिक परेशानी का सामना करना पड़ता है। सावन में भगवान शंकर की पूजा से राहु-केतु से जुड़ी समस्याओं को दूर किया जा सकता है। 

डिसक्लेमरः ये जानकारी अलग अलग किताब और अध्ययन के आधार पर बताई गई है। भास्कर हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है।

Created On :   12 July 2022 7:27 AM GMT

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