दिल्ली: देशभक्ति पाठ्यक्रम का 1 साल, सरकार ने माना छात्रों के व्यवहार में आया बदलाव

Delhi: 1 year of the Patriotic course, the government acknowledged the change in the behavior of the students
दिल्ली: देशभक्ति पाठ्यक्रम का 1 साल, सरकार ने माना छात्रों के व्यवहार में आया बदलाव
नई दिल्ली दिल्ली: देशभक्ति पाठ्यक्रम का 1 साल, सरकार ने माना छात्रों के व्यवहार में आया बदलाव

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली सरकार द्वारा स्कूली बच्चों को देशभक्त बनाने के उद्देश्य से शुरू किए गए देशभक्ति पाठ्यक्रम का 1 साल पूरा होने जा रहा है। शिक्षा विभाग के मुताबिक पिछले 1 साल में इस पाठ्यक्रम की मदद से बच्चों के व्यवहार में बदलाव आना शुरू हो गया है। इन बदलावों को देखने और देशभक्ति पाठ्यक्रम के अंतर्गत चल रही विभिन्न गतिविधियों का निरीक्षण करने के लिए बुधवार को दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने एक स्कूल का का दौरा किया।

देशभक्ति की क्लास में बच्चे रोजाना 5 मिनट देशभक्ति ध्यान कर किन्ही 5 देशभक्तों के बारे में सोचते हैं, और फिर क्लास में उसपर अपने विचार साझा करते है। उनके देशभक्तों की सूची में सफाई-कर्मचारी, टीचर्स, डॉक्टर्स, सैनिक-पुलिस शामिल है।

देशभक्ति पाठ्यक्रम नर्सरी से 12वीं के लिए शुरू किया गया है। यह पाठ्यक्रम किताबों और परीक्षाओं की सीमा से बाहर है। यह पूरा पाठ्यक्रम विद्यार्थी की सोच समझ और मानसिकता के आधार पर डिजाइन किया गया है। जहां वे लोगों से बात करके, अपने दोस्तों से बात करके, स्वयं के अंदर झांककर इस सवाल का जबाव तलाशते है कि देशभक्ति क्या है। पाठ्यक्रम की खास बात ये है कि ये बच्चों की देशभक्ति की समझ को सही या गलत में नहीं बांटता है, बल्कि उन्हें ऐसा वातावरण प्रदान करता है, जिसमें बच्चें खुद की समझ के आधार पर ही सही और गलत में अंतर जान सकें।

दिल्ली के शिक्षा मंत्री ने इन देशभक्ति की कक्षाओं का निरीक्षण किया। सिसोदिया ने कहा कि, यह बहुत खुशी की बात है कि जिस परिकल्पना के साथ देशभक्ति पाठ्यक्रम की शुरूआत की गई थी, वह इन क्लासों में पूरा होना शुरू हो गया है। बच्चे ये समझ रहे है कि देश के लिए बलिदान देना, देश के प्रतीकों का सम्मान करना तो देशभक्ति है लेकिन अपने स्कूल-क्लास को साफ रखना, अपने बगल में बैठे बच्चों में भी देश देखना देशभक्ति है, हर सोच में,अपने टीचर्स मे,हमारे आस-पास के वातावरण में देश बसता है।

उन्होंने कहा कि बच्चों में यह सोच विकसित होना और अपने घर में, पड़ोसियों में, हर संसाधन में, अपने हर व्यवहार में देश को देखना यह प्रदर्शित करता है कि यह पाठ्यक्रम सफल रहा है। सिसोदिया के मुताबिक इस पाठ्यक्रम का उद्देश्य यह है कि हर बच्चा अपने देश के मान सम्मान को लेकर आत्मविश्वास में जिए और एक देशभक्त नागरिक बने। वह देश की समस्याओं को हल करने की जिम्मेदारी अपने कंधों पर उठाने के लिए तैयार रहे और समस्याओं से भागे न बल्कि समस्याओं का सामना करें और उनका समाधान ढूंढें।

 

(आईएएनएस)

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Created On :   14 Sep 2022 11:30 AM GMT

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