छात्र एक साथ हासिल कर सकते हैं दो डिग्री, यूजीसी की सिफारिश पर विश्वविद्यालय के नियमों में बदलाव

Students can get two degrees simultaneously, changes in university rules on the recommendation of UGC
छात्र एक साथ हासिल कर सकते हैं दो डिग्री, यूजीसी की सिफारिश पर विश्वविद्यालय के नियमों में बदलाव
नए प्रावधान छात्र एक साथ हासिल कर सकते हैं दो डिग्री, यूजीसी की सिफारिश पर विश्वविद्यालय के नियमों में बदलाव
हाईलाइट
  • छात्र एक साथ हासिल कर सकते हैं दो डिग्री
  • यूजीसी की सिफारिश पर विश्वविद्यालय के नियमों में बदलाव

नई दिल्ली । नई नई शिक्षा नीति के अंतर्गत देश भर के छात्र एक ही विश्वविद्यालय या विभिन्न विश्वविद्यालयों से एक साथ दो डिग्री कार्यक्रम पूरा कर सकते हैं। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग यानी यूजीसी ने इसके लिए नए प्रावधान तैयार किए हैं। यूजीसी द्वारा बनाए गए नियमों के अंतर्गत ही देशभर के विश्वविद्यालय अब छात्रों को एक साथ 2 डिग्री लेने की इजाजत देने देंगे।

यूजीसी द्वारा तय किए गए नियमों के मुताबिक छात्र जिस विश्वविद्यालय में पढ़ रहे हैं उसी विश्वविद्यालय से अपनी पसंद का कोई और डिग्री पाठ्यक्रम भी साथ ही साथ पूरा कर सकते हैं। यदि छात्रों को किसी अन्य विश्वविद्यालय में अपनी पसंद का कोई और पाठ्यक्रम अच्छा लगता है तो ऐसी स्थिति में भी उन्हें उस पाठ्यक्रम में दाखिला लेने की अनुमति होगी।

यूजीसी के अध्यक्ष एम जगदीश कुमार ने इस विषय में जानकारी देते हुए बताया कि छात्रों को एक ही समय में दो संस्थानों से दो डिग्री हासिल करने की अनुमति दी जा रही है। नई शिक्षा नीति लागू होने के साथ ही विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) उच्च शिक्षा व्यवस्था में छात्रों को अधिक विकल्प प्रदान करेगा। यूजीसी ने इस परिवर्तन को लेकर एक नई गाइडलाइन बनाई है।

इस नई प्रक्रिया में छात्र द्वारा हासिल किए जाने वाले 40 फीसदी क्रेडिट उनकी मूल यूनिवर्सिटी के अलावा किसी अन्य यूनिवर्सिटी का हो सकता है। यूजीसी के मुताबिक नई गाइडलाइन एक साथ दो डिग्री क्रेडिट स्कोर सिस्टम एवं मल्टी-डिसिप्लिनरी एजुकेशन सिस्टम को लागू किया जा रहा है। इसके अलावा अंडरग्रेजुएट पाठ्यक्रमों के नए करिकुलम पर भी काम किया जा रहा है। इसके तहत विश्वविद्यालय अंडरग्रेजुएट कोर्सेस नए सिरे से डिजाइन कर रहे हैं।

देश का सबसे बड़ा केंद्रीय विश्वविद्यालय डीयू आगामी नए सत्र से नए अंडरग्रेजुएट करिकुलम फ्रेमवर्क को लागू कर सकता है। दिल्ली विश्वविद्यालय के मुताबिक के अंडरग्रेजुएट पाठ्यक्रमों के लिए नया करिकुलम दो महीने में तैयार हो सकता है। दिल्ली विश्वविद्यालय की एक्जीक्यूटिव काउंसिल अंडरग्रेजुएट करिकुलम फ्रेमवर्क 2022 (यूजीसीएफ) को पारित कर चुकी है। अकेडमिक काउंसिल भी इसे पारित कर चुकी। एनईपी 2020 द्वारा सुझाए गए सुधारों के आधार पर अंडरग्रेजुएट करिकुलम बनाया जा रहा है।

देश की शिक्षा व्यवस्था में 6 अप्रैल से एक नया और बड़ा बदलाव हुआ है। 6 अप्रैल से विभिन्न केंद्रीय विश्वविद्यालयों में दाखिले के लिए सेंट्रल यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट का रजिस्ट्रेशन शुरू हो चुका है। इसके साथ ही अब केंद्रीय विश्वविद्यालयों में अंडर ग्रेजुएट पाठ्यक्रमों हेतु दाखिले की प्रक्रिया भी बदल गई है। केंद्रीय विश्वविद्यालय से संबंधित कॉलेजों में अंडर ग्रेजुएट पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए अब 12वीं के अंक कोई महत्व नहीं रखेंगे। अब तक 12वीं की मेरिट के आधार पर कॉलेजों में दाखिले होते रहे हैं। लेकिन अब छात्र एंट्रेंस टेस्ट की प्रक्रिया से गुजरेंगे जिसके लिए यह फॉर्म भरना अनिवार्य होगा।

गौरतलब है कि यूजीसी अब क्षमता-प्रदाता के रूप में कार्य करेगा। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग यानी यूजीसी डिजिटल शिक्षा में भी बड़ी भूमिका निभाएगा। इसके लिए यूजीसी भविष्य के शिक्षण-शिक्षाप्राप्ति प्रक्रिया की पुनर्कल्पना में जवाबदेही प्रावधानों के साथ एक निगरानी संस्था के रूप में नहीं बल्कि एक क्षमता-प्रदाता के रूप में कार्य करेगा।

 

आईएएनएस

Created On :   12 April 2022 12:00 PM GMT

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story