सुप्रीम कोर्ट नें राज्य सरकारों को 31 जुलाई तक 12वीं के रिजल्ट जारी करने के दिए निर्देश

Supreme Court directs state governments to release 12th results by July 31
सुप्रीम कोर्ट नें राज्य सरकारों को 31 जुलाई तक 12वीं के रिजल्ट जारी करने के दिए निर्देश
सुप्रीम कोर्ट नें राज्य सरकारों को 31 जुलाई तक 12वीं के रिजल्ट जारी करने के दिए निर्देश

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकारों को कक्षा 12वीं की इंटरनल असेसमेंट स्किम को 10 दिन के भीतर तैयार करनें के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही 31 जुलाई तक परीक्षा परिणाम घोषित करने को कहा है।

जस्टिस एएम खानविलकर और दिनेश माहेश्वरी के बेंच ने कहा,  हम सभी राज्य बोर्ड को यह सुनिश्चित करने का निर्देश देते हैं कि योजनाएं जल्द से जल्द और आज से 10 दिनों के भीतर तैयार और अधिसूचित की जाएं और 31 जुलाई तक आंतरिक मूल्यांकन के परिणाम भी घोषित करें।

अपने आदेश में, शीर्ष अदालत ने कहा, इसके अलावा, परिणाम घोषित होने के बाद छात्रों के विवाद या शिकायतों के निवारण के लिए एक उचित तंत्र प्रदान करना चाहिए, जैसा कि सीबीएसई और आईसीएसई बोर्ड के मामले में किया गया है।

बेंच ने इस बात पर भी जोर दिया कि अपने पिछले अवलोकन के अनुसार देश भर में सभी बोर्ड के लिए एक समान मूल्यांकन योजना होने की कोई संभावना नहीं है। बेंच ने कहा, हम एक समान योजना को लेकर निर्देश देने नहीं जा रहे हैं, क्योंकि प्रत्येक बोर्ड स्वायत्त और अलग हैं। 22 जून को केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट से कहा था कि सभी बोर्ड परीक्षाओं के लिए कोई समान मूल्यांकन नीति नहीं हो सकती है, जिसमें सीबीएसई, आईसीएसई और राज्य बोर्ड शामिल हैं।

केंद्र का प्रतिनिधित्व कर रहे अटॉर्नी जनरल के. के. वेणुगोपाल ने जस्टिस खानविलकर की अध्यक्षता वाली बेंच से कहा था कि सभी बोर्ड स्वायत्त निकाय हैं और उन्हें कक्षा 12वीं के छात्रों के मूल्यांकन के संबंध में अपनी योजनाएं तैयार करने का अधिकार है। उन्होंने शीर्ष अदालत से कहा कि प्रत्येक छात्र का जीवन संविधान के अनुच्छेद 21 द्वारा संरक्षित है और चल रही महामारी के बीच लिखित परीक्षा होना सुरक्षित या विवेकपूर्ण नहीं है।

वेणुगोपाल ने कहा, छात्रों को महामारी के दौरान परीक्षा देने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता है। उदाहरण के लिए, अगर किसी छात्र को कुछ होता है, तो उसके माता-पिता बोर्ड पर मुकदमा करेंगे।

शीर्ष अदालत अधिवक्ता अनुभा सहाय श्रीवास्तव द्वारा दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें कोविड की स्थिति की पृष्ठभूमि में राज्य बोर्ड परीक्षाओं को रद्द करने की मांग की गई है। केवल आंध्र प्रदेश सरकार कक्षा 12वीं के छात्रों के लिए शारीरिक (फिजिकल) परीक्षा आयोजित करने पर जोर दे रही है।

शीर्ष अदालत ने महामारी के समय शारीरिक परीक्षा आयोजित करने के बजाय आंतरिक मूल्यांकन योजना का समर्थन किया है। शीर्ष अदालत में याचिका दायर करने के दौरान कई राज्य बोडरें ने परीक्षा रद्द करने की घोषणा की है।

 

Created On :   24 Jun 2021 10:59 AM GMT

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