मनोरंजन: द कश्मीर फाइल्स से द बंगाल फाइल्स तक, भारतीय कहानियों को ग्लोबल बना रहे प्रोड्यूसर अभिषेक अग्रवाल

- द कश्मीर फाइल्स से द बंगाल फाइल्स तक
- भारतीय कहानियों को ग्लोबल बना रहे प्रोड्यूसर अभिषेक अग्रवाल
डिजिटल डेस्क, मुंबई। आज की भारतीय फिल्म इंडस्ट्री में बहुत कम प्रोड्यूसर ऐसे हैं, जो बॉक्स ऑफिस से आगे बढ़कर रिस्क लेने को तैयार हों। लेकिन अभिषेक अग्रवाल बिल्कुल ऐसा ही कर रहे हैं। वो ऐसे सिनेमा को जन्म दे रहे हैं, जो राष्ट्रीय गर्व, सांस्कृतिक गहराई और वैश्विक अपील को एक साथ जोड़ता है। अपने बैनर अभिषेक अग्रवाल आर्ट्स के तहत उन्होंने लगातार ऐसी फ़िल्में दी हैं जो शक्तिशाली, उद्देश्यपूर्ण और भारत की आत्मा से जुड़ी हुई हैं।
विश्वम्भरा, उनका अब तक का सबसे महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट, तेलुगु स्टोरीटेलिंग को पैन-इंडियन स्तर पर ले जा रहा है। मेगास्टार चिरंजीवी अभिनीत, वशिष्ठ द्वारा निर्देशित और एम.एम. कीरवाणी के संगीत से सजी यह फिल्म भारतीय पौराणिक कथाओं से प्रेरित एक भव्य दृश्य-श्रव्य अनुभव के रूप में बनाई जा रही है। अग्रवाल के लिए यह सिर्फ एक फिल्म नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक वक्तव्य है। इसे तेलुगु के साथ हिंदी में भी रिलीज कर वे सुनिश्चित कर रहे हैं कि क्षेत्रीय कहानियां पूरे देश और दुनिया तक पहुंचें।
उनका ट्रैक रिकॉर्ड खुद बयां करता है। द कश्मीर फाइल्स ने भारतीय सिनेमा को नया आयाम दिया, एक राजनीतिक रूप से संवेदनशील और भावनात्मक रूप से गहरी कहानी कहकर, जिसने पूरे देश में बहस छेड़ दी। कार्तिकेय 2 ने दिखाया कि पौराणिक कथाओं को आज के दर्शकों के लिए कैसे नए रूप में प्रस्तुत किया जा सकता है, और एक गहराई वाले मास एंटरटेनर की रचना की जा सकती है। गुडाचारी ने साबित किया कि भारत अपने ही अंदाज़ में विश्वस्तरीय स्पाई थ्रिलर बना सकता है। इन सभी फिल्मों ने अग्रवाल की इस सोच को मजबूत किया कि सिनेमा सिर्फ मनोरंजन न होकर प्रेरणादायक भी होना चाहिए।
आगे की ओर देखते हुए, उनके आने वाले प्रोजेक्ट्स में भी यही दृष्टिकोण साफ झलकता है। G2 भारतीय स्पाई थ्रिलर्स को नए मानक देने वाला है। द इंडिया हाउस इतिहास के एक क्रांतिकारी अध्याय को सामने लाएगा। द बंगाल फाइल्स भारत की अनकही सच्चाइयों को उजागर करने का साहसिक सफर जारी रखेंगे। वहीं, डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम पर आधारित उनकी बायोपिक, जिसमें धनुष मुख्य भूमिका निभाएंगे, आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करने वाली होगी।
अभिषेक अग्रवाल सिर्फ एक प्रोड्यूसर नहीं हैं, बल्कि एक सांस्कृतिक संरक्षक हैं, जो सिनेमा को सॉफ्ट पावर बनाकर भारत की कहानियों को दुनिया तक पहुंचा रहे हैं। अपने विज़न, साहस और उद्देश्य के साथ वे यह साबित कर रहे हैं कि फिल्में सिर्फ मनोरंजन ही नहीं, बल्कि भारत की आवाज़ भी बन सकती हैं।
Created On :   22 Aug 2025 1:44 PM IST