Inspector Zende Review: मनोज बाजपेयी और जिम सर्भ की जोड़ी ने किया कमाल, हिट है इंस्पेक्टर झेंडे

- मनोज बाजपेयी और जिम सर्भ की जोड़ी ने किया कमाल
- हिट है इंस्पेक्टर झेंडे
फिल्म: इंस्पेक्टर झेंडे
निर्देशक: चिन्मय मांडलेकर
प्रमुख कास्ट: मनोज बाजपेयी, जिम सर्भ, गिरीजा ओक, सचिन खेडेकर, और भालचंद्र कदम
कहां देखें: नेटफ्लिक्स
रेटिंग्स: 4 स्टार्स
Inspector Zende को देखते हुए ऐसा लगता है जैसे हम किसी पुरानी हिंदी क्राइम कहानी के पन्नों में उतर गए हों। फिल्म की सबसे बड़ी खूबी इसकी सादगी है। न चमक-दमक वाले सेट्स, न सुपरहीरो जैसा पुलिस वाला—बस एक आम इंस्पेक्टर, जो अपनी मेहनत और बुद्धिमानी से केस सुलझाता है।
मनोज बाजपेयी फिल्म की आत्मा हैं। उनका अभिनय इतना सहज और वास्तविक है कि दर्शक तुरंत उनके किरदार से जुड़ जाते हैं। उनकी खामोशी, आंखों की गहराई और चेहरे के भाव कहानी को जीवंत बनाते हैं। जिम सर्भ का खलनायक रहस्यमय और डरावना है, जो फिल्म में निरंतर सस्पेंस बनाए रखता है।
सपोर्टिंग कास्ट भी काफी प्रभावशाली है। गिरीजा ओक और सचिन खेडेकर ने छोटे लेकिन असरदार दृश्यों से कहानी को मजबूती दी है। भालचंद्र कदम हल्के-फुल्के हास्य का तड़का देते हैं, जिससे फिल्म का गंभीर माहौल संतुलित रहता है।
प्लस पॉइंट्स:
अभिनय में दम है—मनोज बाजपेयी और जिम सर्भ की केमिस्ट्री फिल्म का सबसे बड़ा आकर्षण है।
1980 के दशक की मुंबई और गोवा का यथार्थवादी माहौल सिनेमैटोग्राफी और सेट डिजाइन के जरिए बेहतरीन तरीके से पेश किया गया है।
कहानी का सस्पेंस और किरदारों की गहराई दर्शकों को बांधे रखती है।
माइनस पॉइंट्स:
फिल्म की धीमी रफ्तार कभी-कभी कहानी में एकरसता ला सकती है।
तेज़-तर्रार एक्शन या स्टंट्स की कमी उन दर्शकों के लिए निराशाजनक हो सकती है जो हल्के मसालेदार क्राइम ड्रामा के आदी हैं।
फिल्म कुल मिलाकर उन दर्शकों के लिए आदर्श है जो यथार्थवादी, कंटेंट-ड्रिवन और चरित्र-प्रधान कहानियों का आनंद लेना चाहते हैं। Inspector Zende एक ऐसा अनुभव है जो लंबे समय तक याद रहेगा—थ्रिल, सस्पेंस और शानदार अभिनय का बेहतरीन मेल।
Created On :   5 Sept 2025 1:00 PM IST