किंग खान के बॉलीवुड में 26 साल, दिव्या भारती ने कभी शाहरुख से कहा था कुछ ऐसा
डिजिटल डेस्क, मुंबई। बॉलीवुड बादशाह शाहरुख खान ने फिल्म इंडस्ट्री में अपने 26 साल पूरे कर लिए हैं। 26 साल पहले आज ही के दिन यानी 25 जून 1992 को शाहरुख की पहली फिल्म "दीवाना" रिलीज हुई थी। राज कंवर के डायरेक्शन में बनी फिल्म "दीवाना" में शाहरुख ने सेकेंड लीड रोल प्ले किया था, जबकि फिल्म में मुख्य भूमिका ऋषि कपूर और दिव्या भारती ने निभाई थी। "दीवाना" बॉक्स ऑफिस पर जबरदस्त हिट साबित हुई थी।
शाहरुख खान की बॉलीवुड में वो यादगार इंट्री
"दीवाना" एक म्यूजिकल रोमांटिक ड्रामा फिल्म थी, जिसमें शाहरुख, ऋषि और दिव्या के बीच लव ट्राएंगल बुना गया था। फिल्म में नदीम-श्रवण का मेलोडियम म्यूजिक था और इसके सारे गाने चार्टबस्टर हिट साबित हुए थे। अपनी ड्रामैटिक कहानी और मेलोडियस म्यूजिक की वजह से ये फिल्म दर्शकों को खूब पसंद आई थी और टिकट खिड़की पर इसने जमकर कारोबार भी किया था। फिल्म में शाहरुख की शानदार इंट्री आज भी लोगों को याद है। वो फिल्म के हिट गाने "कोई न कोई चाहिए प्यार करने वाला" में बाइक पर सवार होकर पहली बार दर्शकों के सामने आए थे।
शाहरुख को दिव्या भारती ने कही थी ये बात
"दीवाना" को शाहरुख के फैन्स उनकी पहली फिल्म के तौर पर याद करते हैं, लेकिन उस वक्त "दिल आशना है" से शाहरुख का डेब्यू होना था, जो कि किसी कारण से नहीं हो सका था। दिलचस्प बात ये है कि "दिल आशना है" में भी शाहरुख के अपोजिट हीरोइन दिव्या भारती ही थीं। दिव्या को याद करते हुए शाहरुख ने अपने एक इंटरव्यू में बड़ा दिलचस्प किस्सा सुनाया था। शाहरुख ने बताया था कि, "मैं सी रॉक होटल में डबिंग कर रहा था। वहां पर रतन जैन मुझे "बाजीगर" के लिए साइन करने आए थे। हम लोग एक कॉफी शॉप में बैठे थे और ये लड़की दिव्या मेरी तरफ आई और बोली, "तुम एक्टिंग के एक इंस्टीट्यूशन हो" उस वक्त मैं ये भी नहीं जानता था कि उसने मुझे कहा क्या है।" शाहरुख ने दिव्या को याद करते हुए कहा, "मैंने उसके साथ दो फिल्मों में काम किया था। मुझे याद है मैं उस वक्त दिल्ली में था जब मैंने उसकी मौत की खबर सुनी। भगवान उसका भला करें।" गौरतलब है कि बाद में साल 1993 में दिव्या भारती ने अपनी बिल्डिंग से छलांग लगाकर आत्महत्या कर ली थी।
एंटी हीरो से रोमांटिक हीरो तक का सफर
अपने करियर के शुरुआती दौर में ही शाहरुख ने "बाजीगर", "डर" और "अंजाम" जैसी फिल्मों में नेगेटिव रोल करते हुए अपनी धमक जमा दी थी। हालांकि फिर "दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे" जैसी फिल्मों की वजह से वो रोमांटिक हीरो की भूमिका में टाइपकास्ट होकर रह गए थे। बाद के सालों में शाहरुख ने "कल हो न हो", "चक दे इंडिया", "स्वदेश", "डॉन" और "रईस" जैसी फिल्मों से अपनी एक्टिंग के कई रंग दिखाकर लोगों को साबित कर दिया कि वो अलग-अलग किरदार भी निभा सकते हैं।
Created On :   25 Jun 2018 3:25 PM IST