Bday Spl: अपने फिल्मी कॅरियर से खुश थे प्राण, जिंदगी के अंतिम दिनों में कही थी ये बात
डिजिटल डेस्क, मुम्बई। बॉलीवुड के खलनायक "प्राण साहब" अपने दमदार अभिनय के लिए जाने जाते हैं। उनकी एक्टिंग के चलते, असल जिंदगी में भी लोग उन्हें खलनायक समझने लगे थे और उनसे डरने लगे थे। एक समय पर तो लोगों ने अपने बच्चों का नाम प्राण रखना ही बंद कर दिया था। आज बॉलीवुड के इस खलनायक का 99 वां जन्मदिन है।
12 फरवरी 1920 में दिल्ली के बल्लीमारान इलाके में जन्मे प्राण का पूरा नाम "प्राण कृष्ण सिकंद" था। फिल्मों के आने के बाद उनका नाम सिर्फ प्राण ही रह गया। वे पढ़ने में बहुत होशियार थे, उनका परिवार भी बहुत समृद्ध था। बहुत कम लोग जानते है कि प्राण एक्टर नहीं बल्कि फोटोग्राफर बनना चाहते थे। उन्होंने अपना कॅरियर भी एक फोटोग्राफर के रूप में शुरू किया था। फोटोग्राफर बनने के लिए उन्होंने दिल्ली आकर प्रैक्टिस भी की, लेकिन एक निर्माता ने उन्हें पान की दुकान पर खड़े हुए देखा और अपनी फिल्म "जमला जट" के लिए साइन कर लिया। लाहौर सिनेमा की यह सुपरहिट फिल्म थी।
यह 1940 का वह दौर था, जब प्राण साहब ने अपने फिल्मी सफर की शुरूआत की। साल 1945 में उनकी शादी "शुक्ला आहलूवालिया" से हुई। शादी के बाद उनके दो बेटे अरविंद और सुनील व बेटी पिंकी हई। इस दौरान उनका फिल्मी कॅरियर भी ठीक ठाक चलता रहा। लाहौर सिनेमा में उन्होंने 22 फिल्मों में काम किया था और सभी में विलेन का रोल निभाया था, लेकिन बटवारे के बाद मुम्बई आकर उन्हें अपना फिल्मी सफर दुबारा शुरू करना पड़ा।
असल जिंदगी में संजीदा इंसान थे प्राण
मुम्बई आने के बाद प्राण साहब की पहली फिल्म् जिद्दी थी। इस फिल्म में भी वे खलनायक की भूमिका में थे। इस फिल्म के बाद वे सभी फिल्मों में खलनायक के रोल में नजर आने लगे और बेहतरीन अदाकारी से लोगों को चौंकाने लगे, लेकिन यह बहुत ही कम लोग जानते हैं कि इस खलनायक वाले चेहरे पीछे, एक बड़े दिल का इंसान रहता था। उनकी जिंदादिली और संजीदा मिजाज के लोग कायल थे।
इस फिल्म ने बदला लोगों का नजरिया
प्राण की खलनायक वाली एक्टिंग देखकर लोग उनसे डरने लगे थे। वे बॉलीवुड के ऐसे एक्टर बन गए, जिससे लोगों ने सबसे ज्यादा नफरत की। प्राण की इस इमेज को बदलने के लिए मनोज कुमार ने उन्हें उपकार फिल्म के लिए साइन किया और मलंग चाचा के किरदार से प्राण ने सबका दिल जीत लिया।
खेल कूद में भी थे आगे
प्राण साहब फिल्मों के साथ साथ खेल कूद में भी विशेष दिलचस्पी रखते थे। उनकी एक फुटबाल टीम भी हुआ करती थी।
हीरो से ज्यादा लेते थे प्राण
वे बॉलीवुड के ऐसे खलनायक थे, जिनकी फीस हीरो से भी ज्यादा हुआ थी, लेकिन राजकपूर की फिल्म उन्होंने मात्र एक रूपये में साइन की थी। क्योंकि उस वक्त राजकपूर आर्थिक तंगी से जूझ रहे थे।
ये मिले अवॉर्ड
अपनी बेहतरीन अदाकारी के लिए प्राण को लगभग 3 बार फिल्मफेयर अवॉर्ड मिला। 1997 में उन्हें लाइफ टाइम अचीवमेंट से नवाजा गया। साल 2001 में उन्हें भारत सरकार द्वारा पद्म भूषण दिया गया तथा इसी साल दादा साहब फालके अवॉर्ड से भी सम्मानित किया गया। अपने फिल्मी सफर में प्राण ने लगभग 400 फिल्मों में काम किया।
जब इस महान अदाकार ने कहा अलविदा
साल 1998 में प्राण साहब को दिल का दौरा पड़ा, उस समय उनकी उम्र मात्र 78 साल थी। 2013 में 93 साल की उम्र में उन्होंने अंतिम सांस ली। इस तरह बॉलीवुड के एक खूबसूरत कलाकार का अंत हो गया। प्राण साहब अपने फिल्म इंडस्ट्री में 60 सालों के करियर से काफी संतुष्ट थे और अक्सर कहा करते थे कि वे अगले जन्म में फिर से प्राण बनना चाहेंगे।
Created On :   12 Feb 2019 11:09 AM IST