Udaipur Files Controversy: सेंसर बोर्ड ने उदयपुर फाइल्स से विवादित सीन हटाए, दिल्ली हाई कोर्ट ने स्पेशल स्क्रीनिंग का दिया आदेश, जाने क्या है कहानी

सेंसर बोर्ड ने उदयपुर फाइल्स से विवादित सीन हटाए, दिल्ली हाई कोर्ट ने स्पेशल स्क्रीनिंग का दिया आदेश, जाने क्या है कहानी
  • सेंसर बोर्ड ने उदयपुर फाइल्स से विवादित सीन हटाए
  • दिल्ली हाई कोर्ट ने स्पेशल स्क्रीनिंग का दिया आदेश
  • जाने क्या है फिल्म की कहानी

डिजिटल डेस्क, मुंबई। इन दिनों विजय राज स्टारर फिल्म उदयपुर फाइल्स विवादों में है। 'उदयपुर फाइल्स' एक सच्ची घटना पर आधारित है और यह कन्हैया लाल की हत्या करने वाले जिहादियों को एक्सपोज करती है। फिल्म उदयपुर फाइल्स को लेकर जमीयत उलेमा हिंद की तरफ से मौलाना अरशद मदनी की याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट में अहम सुनवाई हुई। हाई कोर्ट में दाखिल याचिका में याचिकाकर्ता ने उदयपुर फाइल्स फिल्म की रिलीज पर रोक लगाने की मांग की है। सेंसर बोर्ड ने फिल्म के प्रोड्यूसर को फिल्म उदयपुर फाइल्स के कुछ विवादित डॉयलॉग और सीन को हटाने को कहा गया।

हाईकोर्ट ने स्पेशल स्क्रीनिंग का दिया आदेश

दिल्ली हाई कोर्ट में फिल्म प्रोड्यूसर की ओर से कोर्ट को बताया गया कि सेंसर बोर्ड की ओर से सुझाए गए वो विवादित सीन/डायलॉग हटा दिए गए है। दिल्ली HC ने फिल्म के प्रोड्यूसर से कहा कि वो इस फिल्म और उसके ट्रेलर की स्क्रीनिंग आज ही आयोजित करें। इस मामले में याचिकाकर्ता जमीयत के वकील कपिल सिब्बल और बाकी मामले से जुड़े वकील फिल्म को देखें। वकील तय करें कि क्या वो फिल्म के विवादित सीन्स को हटाए जाने से कंफर्टेबल हैं या नहीं। दिल्ली हाई कोर्ट कल फिर सुनवाई करेगा।

क्या है फिल्म की कहानी

'उदयपुर फाइल्स' 2022 में उदयपुर में कन्हैया लाल की हत्या पर आधारित है। 28 जून 2022 को गोस मोहम्मद और रियाज अत्तारी नाम के दो लोग उदयपुर के टेलर कन्हैयालाल की दुकान में कपड़े सिलवाने का कहकर दाखिल हुए। इसी दौरान जब कन्हैयालाल ने एक शख्स का नाम लेने की कोशिश की, दूसरे ने धारदार हथियार से उन पर हमला कर दिया। इस दौरान कन्हैयालाल चिल्लाते रहे और हमलावरों से कहते रहे कि ऐसा मत करो-ऐसा मत करो, लेकिन तभी दूसरे ने उनके ऊपर चढ़कर उन पर हमला कर दिया। इसके बाद हमलावर कन्हैयालाल को घसीटते हुए दुकान से बाहर लेकर आए और बेरहमी से उनका गला चाकू से रेत दिया था। इस घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था।

याचिकाकर्ता का कहना है कि इसमें कोर्ट की कार्यवाही एक मुख्यमंत्री का पक्षपाती बयान और नूपुर शर्मा के दिए गए विवादित बयान को दोहराया गया है। कोर्ट CBFC दी गई सर्टिफिकेशन को रद्द करे और फिल्म की रिलीज पर तत्काल रोक लगाए। याचिकाकर्ता के मुताबिक फिल्म में ज्ञानवापी मुद्दे को भी छेड़ा गया है जो वर्तमान में वाराणसी की डिस्ट्रिक्ट कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में पेंडिग है।

Created On :   9 July 2025 2:23 PM IST

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