पुरस्कार विजेता फिल्म डोल्लू को लेकर विवाद शुरू
डिजिटल डेस्क, बेंगलुरू। ऑस्कर और बाफ्टा विजेता साउंड मिक्सर और डिजाइनर रेसुल पुकुट्टी और पुरस्कार विजेता फिल्म डोल्लू के साउंड डिजाइनर नितिन लुकोज ने आरोप लगाया कि राष्ट्रीय जूरी ने सर्वश्रेष्ठ लोकेशन साउंड रिकॉर्डिस्ट की श्रेणी में राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए चयन में गलती की है।
उन्होंने दावा किया कि फिल्म डोल्लू के लिए सिंक ध्वनि रिकॉर्ड की गई थी और यह एक सिंक साउंडट्रैक नहीं था।
इस टिप्पणियों ने विवाद को जन्म दिया है, क्योंकि प्रसिद्ध तकनीशियनों ने जूरी सदस्यों की डबिंग और सिंक ध्वनि के बीच अंतर करने में विफल रहने पर सवाल उठाया था।
इस बीच फिल्म टीम ने कहा कि, श्रेणी के लिए प्रवेश फॉर्म में कोई विनिर्देश नहीं था कि क्या साउंडट्रैक को सिंक किया गया था या डब किया गया था और काम को वर्गीकृत नहीं किया गया था।
लोकेशन साउंड रिकॉर्डिस्ट, साउंड डिजाइनर और री-रिकॉर्डिस्ट के लिए तीन इंजीनियरों को नॉमिनेशन की जरूरत के मुताबिक नॉमिनेट किया गया है।
फिल्म टीम ने यह भी स्पष्ट किया कि उन्होंने कभी यह दावा नहीं किया कि उनकी फिल्म एक सिंक रिकॉर्डेड साउंडट्रैक है और उन्होंने स्पष्टीकरण के लिए पुरस्कार जूरी से भी संपर्क किया है। टीम ने दावा किया कि ढोल की आवाज को रिकॉर्ड करने के लिए उन्हें 15 लाख रुपये और खर्च करने पड़े।
रेसुल पुकुट्टी ने कहा कि राष्ट्रीय पुरस्कारों में सिंक साउंड रिकॉर्डिग जीतने वाली फिल्म (डोलू) एक सिंक साउंड फिल्म भी नहीं है, यह एक डब फिल्म है। उन्होंने आगे कहा कि इसकी पुष्टि फिल्म के साउंड डिजाइनर नितिन लुकोज ने की है।
नितिन लुकोज ने कहा, मुझे नहीं पता कि राष्ट्रीय पुरस्कार चयन और इसकी प्रक्रियाओं के पर्दे के पीछे क्या हुआ, लेकिन मुझे जूरी के फैसले पर दया आती है जो विशेषज्ञ होने का दावा करते हुए डब और सिंक साउंड फिल्म के बीच अंतर नहीं कर सका।
आईएएनएस
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Created On :   24 July 2022 2:00 PM IST