भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री में गैंग सिस्टम हावी : कनक पाण्डेय (साक्षात्कार)

Gang system dominates in Bhojpuri film industry: Kanak Pandey (interview)
भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री में गैंग सिस्टम हावी : कनक पाण्डेय (साक्षात्कार)
भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री में गैंग सिस्टम हावी : कनक पाण्डेय (साक्षात्कार)

लखनऊ, 29 जून (आईएएनएस)। भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री में अपने अभिनय के दम पर अलग पहचान बनाने वाली कनक पांडेय इन दिनों दुबई से प्रवासी मजदूरों को भारत भेजने को लेकर सुर्खियों में हैं। बॉलीवुड में पिछले दिनों से हो रही नेपोटिज्म की चर्चा पर वह कहती हैं कि भोजपुरी इंडस्ट्री में नेपोटिज्म नहीं बल्कि गैंग सिस्टम हावी है।

आईएएनस से एक विशेष वार्ता में सिने अदाकारा कनक पाण्डेय कहती हैं कि भोजपुरी इंडस्ट्री अभी तक नेपोटिज्म से अछूती है। यह अच्छी बात है। लेकिन, यहां पर गैंग सिस्टम बहुत प्रभावी है। इंडस्ट्री में किसको रखना है, किसे नहीं रखना है। यहां बहुत चलता है।

सुशांत राजपूत के मामले में वह कहती हैं, मेरे दिमाग से अभी तक वो गया नहीं है। जब भी सोशल मीडिया पर जाती हूं तो रोने लगती हूं। वो हमारे भोजपुर की शान था। उन्होंने हमें वो रास्ता दिखाया, कि अगर आपमें टैलेंट है तो आप भी जा सकते हैं। नेपोटिज्म ने उन्हें खत्म किया। मुझे कहीं से भी नहीं लगता कि उन्होंने सुसाइड किया है। मैं उनके बारे में पढ़ती हूं तो लगता नहीं की इतना टैलेंटेड बंदा सुसाइड कर सकता है। वर्कर तक से अच्छे से बात करता था। कहीं न कहीं ये लगता है कि वो बंदा सिर्फ फिल्मों को लेकर सुसाइड नहीं कर सकता है। ये गलत है, कुछ न कुछ साजिश जरूर है। इसकी सीबीआई जांच होनी चाहिये।

यह पूछने पर कि भोजपुरी इंडस्ट्री का चार्म कम हुआ है, इसका क्या कारण है, उन्होंने कहा कि हमारे यहां जो स्टोरी बनती है, उसका दर्शक मजदूर वर्ग है। बड़े लोग भोजपुरी को नहीं देखते क्योंकि उसमें रियल टच नहीं होता। ऐसी स्टोरी नहीं होती जो बांधे रखे, जैसे साउथ या अन्य फिल्मों में होता है। हमारे यहां डांस, गाना और हीरोइन को नचा लिया बस यही फिल्म है। कोई कांसेप्ट नहीं है। इसलिए लोगों को जोड़ नहीं पा रहे। इसके अलावा जो अच्छे लोग हैं उनको काम नहीं मिलता। स्टोरी भी अच्छी नहीं होती। पैसा बचाने के चक्कर मे इंडस्ट्री खत्म हो रही है। भोजपुरी फिल्म मारपीट के सीन के साथ हीरोइन नचा कर खत्म हो जाती है। आप किसी इंटरनेशनल लेवल पर भोजपुरी के बारे में बोलिये तो इसे रिस्पेक्ट नहीं मिलती।

क्षेत्रीय भाषाओं में मराठी फिल्में दर्शकों को बहुत खींचती हैं, लेकिन, भोजपुरी की कहानी चर्चित नहीं हो पाती, इसका कारण पूछने पर कनक पाण्डेय बताती हैं, हमारी फिल्मों में कोई सकारात्मक संदेश नहीं होता है। इसलिए वे चर्चा की विषय नहीं बन पातीं है। हमारे यहां लोग हीरो-हीरोइन के नाम पर फिल्म देखते हैं। वास्तव में फिल्में ऐसी बननी चाहिए जिसे लोग फैमिली के साथ देख सकें। उसमें मैसेज हों। लेकिन, ये सब यहां नहीं है।

भोजपुरी में डबल मीनिंग के गाने फिल्म की क्रेडिबिल्टी पर सवाल उठाते हैं, इस सवाल पर वह कहती हैं कि अश्लीलता हर जगह है। लेकिन, उनका तरीका दूसरा है।

उन्होंने कहा कि क्या गांव में कोई लहंगा चोली पहनता है। लेकिन, हम फिल्मों में पहनते हैं। दिखाने का तरीका गलत है। उसे बदलना होगा। ड्रेसिंग सेंस और बॉडी लेंग्वेज भी बदलनी होगी।

वेब सीरीज के बढ़ते क्रेज को लेकर पूछे गये सवाल पर कनक पाण्डेय ने कहा, मैं भोजपुरी के लिए बहुत कुछ करना चाहती हूं। इसे बड़ा बनाने के लिए हर प्रयास करुगी। हमारी एक संस्था है पूवार्ंचल प्रवासी मिलन। उसके जरिये हम दुबई में शो कराते हैं। भारतीय आर्टिस्ट को बुलाकर परफॉर्म् कराते हैं। मैं पूरी दुनिया मे ये करुं गी। बहुत सारा ऐसा काम करूंगी, जिसमें फिल्में, चैनल सब शामिल हैं। वेब सीरीज और शार्ट फिल्म भी शामिल है।

कोरोना का फिल्म इंडस्ट्री पर पड़ रहे असर के सवाल पर वह कहती हैं, इस वायरस ने सिर्फ इंडस्ट्री, बल्कि पूरे विश्व पर अपना प्रभाव डाला है। जो आर्थिक नुकसान इस बीच हुआ है उसकी दो से तीन साल में भी भरपाई मुश्किल है। हालांकि कोरोना ने एक अच्छा मैसेज दिया, लोगों ने अपने परिवार के साथ समय बिताना शुरू किया है। आज हर कोई आत्मनिर्भर होने की कोशिश कर रहा है। चाहे अभिनय का क्षेत्र हो या कोई व्यवसाय हो यही स्थिति कमोबेश हर जगह है। कोरोना ने लोगों को जीने का सबक भी दिया हैं। अच्छे कांसेप्ट लेकर आ सकते हैं, कुछ नवाचार कर सकते हैं। कहीं न कहीं कोरोना ने ये मौका दिया है।

कोरोना काल में मजूदरों की मदद के लिए आप चर्चा में है। कितने मजदूरों की आपने मदद की है, इस सवाल के जवाब में उन्होंने बताया, दुबई में यूपी, बिहार और झारखंड के करीब पांच लाख लोग हैं। इसमें से लगभग 4़ 5 लाख लोग ऐसे हैं जिनकी कोरोना महामारी में ऐसी दुर्दशा हुई कि उसे बयां नहीं किया जा सकता। लोगों की नौकरी छूट गई। उनके पास खाना नहीं, रहने का भी ठिकाना नहीं। ऐसे तमाम लोगों को मैने अपनी तरफ से खाना, पीना दिया और रहने की जगह मुहैया कराई। आज भी ये जारी है। हमने बहुत मेहनत करके हवाई जहाज अरेंज किया। करीब तीन लाख लोग वंदे भारत अभियान के तहत अपने घर गए। अभी भी हमारे पास 28 हजार ऐसे लोग हैं जिनको इंडिया भेजना है। दुबई के नियमों के बीच ये सब बहुत मुश्किल है। बहुत सारे अप्रूवल लेने पड़ते हैं। यूपी से अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी समेत कई लोगों का बहुत सहयोग मिल रहा है, जिसकी वजह से हम ये कर पा रहे हैं। हमने यहां यूपी, बिहार और झारखंड के लोगों की मदद की क्योंकि इनका कोई प्रतिनिधित्व करने वाला नहीं है। स्पाइस जेट के अजय सिंह ने बहुत सपोर्ट किया। कई और लोगों ने भी सपोर्ट किया। आज लोग घर पहुंचकर फोन करके बोलते हैं कि आपकी वजह से घर पहुंच पाए।

कनक पांडेय ने बताया कि रवि किशन के साथ सबसे बड़ा चैंपियन, दिनेश लाल के साथ लल्लू की लैला, इण्डिया वर्सेज पाकिस्तान जैसी तमाम फिल्में हैं। इसके अलावा पांच मेहेरिया, जुगजुग जियो ललनवा, विजेता, जिंदगी की जंग, जंजीर जैसी फिल्म आने वाली है।

Created On :   29 Jun 2020 9:30 AM GMT

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