हाईकोर्ट : शाहरुख की वेबसीरिज पर रोक लगाने से किया इंकार, एमआईएम का आपत्तिजनक वीडियो हटाने का आदेश

High court: Refusal to ban Shahrukhs web series
हाईकोर्ट : शाहरुख की वेबसीरिज पर रोक लगाने से किया इंकार, एमआईएम का आपत्तिजनक वीडियो हटाने का आदेश
हाईकोर्ट : शाहरुख की वेबसीरिज पर रोक लगाने से किया इंकार, एमआईएम का आपत्तिजनक वीडियो हटाने का आदेश

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बॉम्बे हाईकोर्ट ने फिल्म अभिनेता शाहरुख खान की रेड चिली व नेटफ्लिक्स एंटरटेनमेंट की बनाई वेब सीरीज ‘बेताल’ के प्रदर्शन पर रोक लगाने से इंकार कर दिया है, लेकिन याचिकाकर्ता को मुआवजे की मांग के लिए याचिका में संशोधन करने की इजाजत दी है। समीर वाडेकर नाम के लेखक ने इस मामले को लेकर कोर्ट में दावा दायर किया था। वाडेकर के मुताबिक ‘बेताल’ की कहानियां उसकी कहानियों से मिलती हैं, इसमें 13 समानताएं हैं। जिन्हें उसने साल 2015 में पंजीकृत कराया था। इसके अलावा उन्होंने कॉपीराइट से जुड़े नियमों के उल्लंघन का दावा किया था। न्यायमूर्ति केआर श्रीराम के सामने मामले की सामने सुनवाई हुई।

न्यायमूर्ति ने मामले से जुड़े दोनों पक्षों को सुनने के बाद कहा कि याचिकाकर्ता की कहानियां कैसे दूसरे लेखक तक पहुंची, वह इसका ठोस स्पष्टीकरण नहीं दे पाया है। इसके अलावा साल 2019 से इस वेब सीरिज ‘बेताल’ को बनाने की तैयारी चल रही थी। इस लिहाज से मामले को लेकर विलंब से दावा दायर किया गया है। इसलिए हम वेब सीरीज के प्रदर्शन पर रोक नहीं लगा सकते। अदालत ने याचिका में हस्तक्षेप करने से इंकार कर दिया। इस दौरान न्यायमूर्ति ने याचिकाकर्ता को मुआवजे की मांग के लिए अपनी याचिका में संशोधन करने की इजाजत दे दी। 

हाईकोर्ट ने दिया आपत्तिजनक वीडियो हटाने का आदेश 
इसका अलावा बॉम्बे हाईकोर्ट ने पुलिस को सोशल मीडिया से एक आपत्तिजनक वीडियो हटाने व मामले की जांच करने को कहा है। हाईकोर्ट ने यह बात मुंबई निवासी इमरान खान की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई के बाद कही। याचिका में दावा किया गया था कि एमआईएम समर्थक अबू फैजल ने सोशल मीडिया पर समाज में वैमनस्य फैलानेवाला एक आपत्तिजनक वीडियो अपलोड किया है। इससे दो समुदायों के बीच तनाव फैल सकता है।

वीडियो में कहा गया है कि मीडिया कोरोना की आड़ में इस्लाम और मुसलमानों को निशाना बना रहा है। यह वीडियो फेसबुक और यू ट्यूब पर उपलब्ध है। इसलिए इस वीडियो को ब्लॉक किया जाए और यह वीडियो अपलोड करनेवाले के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए। याचिका में कहा गया है कि पुलिस से इस संबंध में शिकायत की गई है, लेकिन पुलिस ने शिकायत पर कार्रवाई नहीं की है। न्यायमूर्ति आरडी धानुका व न्यायमूर्ति अभय आहूजा की खंडपीठ के सामने याचिका पर सुनवाई हुई। याचिका पर गौर करने के बाद खंडपीठ ने मुंबई पुलिस को याचिका में लगाए गए आरोपों की जांच करने व आपत्तिजनक वीडियो को हटाने को कहा। 

 
 

Created On :   25 May 2020 2:19 PM GMT

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