- चुनाव आयोग की ओर से शाम 4.30 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस की जाएगी। इसमें 5 राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान किया जाएगा।
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- जीडीपी के आंकड़े आने से पहले टूटा शेयर बाजार, 1000 अंक लुढ़का सेंसेक्स
- इंदौर की सुंदरता को खराब करने वालों पर होगी एफआईआर
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भारत के चंद्रयान-2 को लेकर चिंतित हैं ब्रैड पिट, एस्ट्रोनॉट को फोन कर विक्रम लैंडर की मांगी डिटेल

डिजिटल डेस्क, मुम्बई। हॉलीवुड एक्टर ब्रैड पिट इस समय अपनी फिल्म् 'एड एस्ट्रा' के प्रमोशन में बिजी हैं। फिल्म के प्रमोशन के लिए उन्होंने एक नायब तरीका निकाला है। दरअसल, उन्होंने सोमवार को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (आईएसएस) पर मौजूद अमेरिकी एस्ट्रोनॉट निक हेग को फोन किया। पिट ने फोन पर हेग से भारत के चंद्रयान-2 में मौजूद विक्रम लैंडर पर सवाल किया। इस सवाल में उनकी भारत के चंद्रयान—2 के प्रति चिंता साफ जाहिर हो रही थी।
LIVE NOW: There's an incoming call … from space! @AstroHague is talking to #AdAstra actor Brad Pitt about what it’s like to live and work aboard the @Space_Station. Watch: https://t.co/yQzjEx1tr8
— NASA (@NASA) September 16, 2019
ब्रैड पिट ने नासा में हेग को फोन कर पूछा कि क्या उन्होंने चांद पर भारत के विक्रम लैंडर की असफल लैंडिंग देखी। इस सवाल के जवाब में हेग ने कहा कि दुर्भाग्य से नहीं। बता दें पिट से पहले नासा भी भारत के इस मिशन की तारीफ कर चुका है। नासा ने भारत की तारीफ करते हुए कहा था कि अंतरिक्ष कठिन है। हम इसरो के चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान-2 को उतारने के प्रयास की सराहना करते हैं। आपने हमें प्रेरित किया है और भविष्य में हम सौर मंडल का पता लगाने के लिए साथ काम करेंगे।
गौरतलब है कि 47 दिनों की लंबी यात्रा के बाद शनिवार, 7 सितंबर 2019 को जब चंद्रयान-2 का विक्रम लैंडर चांद की सतह से महज 2.1 किलोमीटर दूर था, तब भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन से उसका संपर्क टूट गया था। इसके बाद इसरो ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर यह सूचना दी गई कि "चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर ने विक्रम लैंडर की लोकेशन पता कर ली है, लेकिन उससे संपर्क अभी तक स्थापित नहीं किया जा सका है। विक्रम लैंडर से संपर्क बनाने की सभी संभव कोशिशें जारी हैं।"
बता दें, एक्टर ब्रैड पिट अपनी आने वाली फिल्म Ad Astra में एस्ट्रोनॉट का किरदार निभा रहे हैं। उन्हें सौर मंडल पर खतरनाक मिशन के लिए भेज दिया जाता है। बता दें, NASA TV पर भी 20 मिनट लंबा ये कॉल टेलीकास्ट किया गया। यह कॉल काफी वायरल हो रहा है। साथ ब्रैड पिट के भारतीय फैंस इस कॉल को बहुत पसंद कर रहे हैं और भारत के प्रति उनकी चिंता की तारीफ भी कर रहे हैं।
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Real Estate: खरीदना चाहते हैं अपने सपनों का घर तो रखे इन बातों का ध्यान, भास्कर प्रॉपर्टी करेगा मदद

डिजिटल डेस्क, जबलपुर। किसी के लिए भी प्रॉपर्टी खरीदना जीवन के महत्वपूर्ण कामों में से एक होता है। आप सारी जमा पूंजी और कर्ज लेकर अपने सपनों के घर को खरीदते हैं। इसलिए यह जरूरी है कि इसमें इतनी ही सावधानी बरती जाय जिससे कि आपकी मेहनत की कमाई को कोई चट ना कर सके। प्रॉपर्टी की कोई भी डील करने से पहले पूरा रिसर्च वर्क होना चाहिए। हर कागजात को सावधानी से चेक करने के बाद ही डील पर आगे बढ़ना चाहिए। हालांकि कई बार हमें मालूम नहीं होता कि सही और सटीक जानकारी कहा से मिलेगी। इसमें bhaskarproperty.com आपकी मदद कर सकता है।
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भास्कर प्रॉपर्टी ऑनलाइन रियल एस्टेट स्पेस में तेजी से आगे बढ़ने वाली कंपनी हैं, जो आपके सपनों के घर की तलाश को आसान बनाती है। एक बेहतर अनुभव देने और आपको फर्जी लिस्टिंग और अंतहीन साइट विजिट से मुक्त कराने के मकसद से ही इस प्लेटफॉर्म को डेवलप किया गया है। हमारी बेहतरीन टीम की रिसर्च और मेहनत से हमने कई सारे प्रॉपर्टी से जुड़े रिकॉर्ड को इकट्ठा किया है। आपकी सुविधाओं को ध्यान में रखकर बनाए गए इस प्लेटफॉर्म से आपके समय की भी बचत होगी। यहां आपको सभी रेंज की प्रॉपर्टी लिस्टिंग मिलेगी, खास तौर पर जबलपुर की प्रॉपर्टीज से जुड़ी लिस्टिंग्स। ऐसे में अगर आप जबलपुर में प्रॉपर्टी खरीदने का प्लान बना रहे हैं और सही और सटीक जानकारी चाहते हैं तो भास्कर प्रॉपर्टी की वेबसाइट पर विजिट कर सकते हैं।
ध्यान रखें की प्रॉपर्टी RERA अप्रूव्ड हो
कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।