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मनोरंजन: बिग बॉस 16 के विजेता एमसी स्टेन रैप म्यूजिक से कैसे जुड़े?, रैपर ने किया खुलासा

डिजिटल डेस्क, मुंबई। लोकप्रिय रैपर एमसी स्टेन ने संगीत उद्योग में अपने सफर को याद किया और बताया कि कैसे उन्होंने शोबिज में अपना नाम बनाया। महाराष्ट्र के पुणे के रहने वाले एमसी स्टेन कव्वाली को सुनने के बाद संगीत उनका पहला प्यार बन गया और उन्होंने 2018 में अपना पहला सिंगल वाता रिलीज किया, उसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। उन्होंने कहा कि : बचपन से, मुझे कव्वाली सुनने की आदत थी क्योंकि मेरे पिता हर समय उन्हें बजाते थे।
मुझे यह भी पता नहीं था कि विदेशों में किस तरह का म्यूजिक बनाया जा रहा है। फिर मैंने रैप के बारे में जाना। वह संस्कृति जहां मैंने लोगों को अंग्रेजी के शब्द बहुत तेजी से बोलते हुए सुना और कहीं न कहीं मैं इससे जुड़ गया और मुझे यह बहुत अच्छा लगा। बिग बॉस 16 के विजेता, जो अपनी अनूठी ड्रेसिंग शैली और हेयरडू के लिए जाने जाते हैं, ने आगे बताया कि कैसे वह रैप से संबंधित हैं और उन्होंने रैप म्यूजिक को हिंदी से जोड़ने और इसे देश में लोकप्रिय बनाने के बारे में सोचा। उन्होंने कहा, मैं वास्तव में इससे संबंधित हूं, क्योंकि रैप गरीबी से बाहर आने के संघर्ष से उभरा है। इसलिए मैंने इसे अपनी मातृभाषा हिंदी में लेने और रैप के माध्यम से अपने मूल्यों को चित्रित करने के बारे में सोचा।
एमसी स्टेन मशहूर इंटरनेट हस्तियों भुवन बाम, हर्ष गुजराल और डॉली सिंह के साथ द कपिल शर्मा शो में नजर आए। शो के दौरान, एमसी स्टेन ने अपनी एक लोकप्रिय रचना खुजा मत के बारे में बात की और बताया कि किस चीज ने उन्हें इस सॉन्ग को बनाने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने शेयर किया: गाने के पीछे ऐसी कोई प्रेरणा नहीं थी। रैपिंग को लेकर मेरे और मेरे दोस्त के बीच बात चल रही थी। उन्होंने एक दूसरे को एक प्रतियोगिता की तरह डिस किया, इसलिए मैंने उनके लिए एक डिस के रूप में यह रैप लिखा। द कपिल शर्मा शो सोनी एंटरटेनमेंट टेलीविजन पर प्रसारित होता है।
(आईएएनएस)
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भोपाल: स्कोप कॉलेज में विश्वस्तरीय प्रशिक्षण वर्कशाप की स्थापना
डिजिटल डेस्क, भोपाल। स्कोप कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग ने अपने छात्र -छात्राओं के भविष्य को संवारने के लिये भारत के आटोमोबाइल क्षेत्र में अग्रणी कम्पनी हीरो मोटोकार्प के साथ एक करार किया जिसमें ऑटोमोबाइल क्षेत्र में स्किल डेवलपमेंट के लिये एक विश्वस्तरीय प्रशिक्षण वर्कशाप की स्थापना संस्था के प्रांगण में की गई है। ये अपने आप में एक अद्वतीय पहल है तथा सभी अत्याधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित है। इसमें सभी नवीनतम कम्प्यूटराइज्ड मशीन के द्वारा टू-व्हीलर ऑटोमोबाइल कार्यशाला प्रशिक्षण दिया जायेगा। इस वर्कशाप में उद्घाटन के अवसर पर कम्पनी के जनरल मैनेजर सर्विसेज श्री राकेश नागपाल, श्री मनीष मिश्रा जोनल सर्विस हेड - सेंट्रल जोन, श्री देवकुमार दास गुप्ता - डी जी एम सर्विस, एरिया मैनेजर श्री राम सभी उपस्थिति थे। साथ ही संस्था के वरिष्ठ अधिकारी डॉ. अजय भूषण, डॉ. देवेंद्र सिंह, डॉ. मोनिका सिंह, अभिषेक गुप्ता आदि उपस्थित थे। संस्था के सभी शिक्षकगण तथा छात्र-छात्रायें उपस्थित थे।
कार्यक्रम की शुरूआत सरस्वती वंदना से की गई , डॉ. मोनिका सिंह ने अतिथियों का संक्षिप्त परिचय दिया। डॉ. अजय भूषण ने सभी का स्वागत किया और बताया कि आने वाला समय कौशल विकास आधारित शिक्षा का है। कर्यक्रम में आईसेक्ट ग्रुप के कौशल विकास के नेशनल हेड अभिषेक गुप्ता ने ग्रुप के बारे मे विस्तार से बताया कि किस तरह हमेशा से आईसेक्ट ग्रुप ने कौशल विकास को हमेशा प्राथमिकता से लिया है। कार्यक्रम में एएसडीसी के सीईओ श्री अरिंदम लहिरी ऑनलाइन आकर सभी को बधाई दी तथा छात्र - छात्राओं को उनके उज्जवल भविष्य के लिये शुभाषीस भी दी।
कार्यक्रम में डॉ. देवेंद्र सिंह ने बताया कि कौशल विकास आधारित शिक्षा सनातन काल से भारतवर्ष में चली आ रही है मध्यकालीन समय में कौशल विकास पर ध्यान नही दिया गया परंतु आज के तेजी से बदलते हुए परिवेश में विश्व भर में इसकी आवश्यकता महसूस की जा रही है। इसी आवश्यकता को देखते हुये स्कोप कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग में कुछ ही समय में विभिन्न क्षेत्रों के सात सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना की गई है जो की विभिन्न क्षेत्रों मे छात्र- छात्राओं के कौशाल विकास मे महत्वपूर्ण भूमिका निभायेंगे।
भोपाल: सीआरपीएफ की 93 महिला पुलिसकर्मियों की बुलेट यात्रा का रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय में हुआ आगमन
डिजिटल डेस्क, भोपाल। इंडिया गेट से जगदलपुर के लिए 1848 किमी की लंबी बुलेट यात्रा पर निकलीं सीआरपीएफ की 93 महिला पुलिसकर्मियों का रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई ने विश्वविद्यालय परिसर में आगमन पर भव्य स्वागत किया। लगभग 300 स्वयंसेवकों तथा स्टाफ सदस्यों ने गुलाब की पंखुड़ियों से पुष्प वर्षा करते हुए स्वागत किया। वहीं उनके स्वागत में एन एस एस की करतल ध्वनि से पूरा विश्वविद्यालय परिसर गुंजायमान हो उठा। इस ऐतिहासिक बाइक रैली में शामिल सभी सैन्यकर्मियों का स्वागत विश्वविद्यालय के डीन ऑफ एकेडमिक डॉ संजीव गुप्ता, डिप्टी रजिस्ट्रार श्री ऋत्विक चौबे, कार्यक्रम अधिकारी श्री गब्बर सिंह व डॉ रेखा गुप्ता तथा एएनओ श्री मनोज ने विश्वविद्यालय की तरफ से उपहार व स्मृतिचिन्ह भेंट कर किया। कार्यक्रम की भूरि-भूरि प्रशंसा करते हुए डिप्टी कमांडेंट श्री रवीन्द्र धारीवाल व यात्रा प्रभारी श्री उमाकांत ने विश्वविद्यालय परिवार का आभार किया। इस अवसर पर लगभग 200 छात्र छात्राएं, स्वयंसेवक व एनसीसी कैडेट्स समस्त स्टाफ के साथ स्वागत में रहे मौजूद।
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