इरफान ने लेटर में बयां की कैंसर से जंग की दास्तान, कहा- दर्द लगने लगा ईश्वर से बड़ा
डिजिटल डेस्क । साल 2018 बॉलीवुड के लिए भारी साबित हो रहा है, पहले श्री देवी का अचानक इस दुनिया को अलविदा कहना और फिर एक्टर इरफान खान का कैंसर को लेकर खुलासा, जिससे उनकी जंग आज भी जारी है। इरफान खान ने 16 मार्च को एक ट्वीट कर अपनी रेयर बीमारी (neuroendocrine cancer) के बारे में फैंस को जानकारी दी थी। इस ट्वीट के बाद इरफान के फैंस समेत बॉलीवुड में भी हलचल मच गई थी। इस बीच इरफान अपनी बीमारी का इलाज कराने के लिए लंदन रवाना हो गए। बीते दिनों ये खबरें जरूर आईं कि इरफान जल्द नई फिल्मों के साथ वापसी करेंगे। उनकी फिल्म कारवां का पोस्टर भी जारी किया गया, लेकिन तकरीबन तीन महीने बाद ट्वीट कर इरफान खान ने कैंसर से जारी अपनी जंग के बारे में बताया, जिससे लगता है इरफान बेहद तकलीफ से गुजर रहे हैं।
इरफान खान ने अपने ट्विटर हैंडल पर एक लेटर लिखा है जिसमें उन्होंने अपने अनुभव को शेयर किया है। वो लिखते हैं, "जब मुझे अपनी बीमारी का नाम पता चला neuroendocrine cancer, ये मेरी डिक्शनरी में नया शब्द था।" इस बीमारी के रेयर होने की वजह से मैं इस पर स्टडी कर रहा था। मैं बस ट्रायल और एरर गेम का पार्ट बन चुका था।", "मैं तेजी से जिंदगी में अपने सपनों के साथ तेज रफ्तार ट्रेन से सफर कर रहा था, तभी किसी ने मुझे पीछे से नॉक किया और कहा, आपका स्टेशन आने वाला है।"
"इस सूचना ने मुझे हिलाकर रख दिया, मैं सभी चीजों पर अपना कंट्रोल करना चाहता था। मैं बस उम्मीद कर रहा था कि मुझे किसी गंभीर समस्या से गुजरना नहीं पड़े। मैं बस अपने पैरों पर खड़ा हो जाना चाहता था। डर और दर्द मुझ पर हावी नहीं हो सकते, लेकिन इन सारी सकारात्मक बातों के बीच जब आपका दर्द बढ़ता है तब कोई मोटिवेशन काम नहीं आता। किसी भी तरह की सहानुभूति बेकार होती है। बस होता है तो दर्द, वो दर्द इतना तेज होता है कि पलभर के लिए वो आपको ईश्वर से बड़ा लगने लगता है।
जब मैं पहली बार दर्द के साथ अस्पताल में गया, मुझे लंबे वक्त तक इस बात का एहसास तक नहीं हुआ कि मेरे बचपन का सपना लॉर्ड्स स्टेडियम मेरे अस्पताल के पास बना है।
जब मैं अस्पताल की बालकनी पर खड़ा होता था तो एक तरफ स्टेडियम में लगी क्रिकेटर विवयन रिचर्ड्स की मुस्कुराती तस्वीर देखता। एक तरफ मेरा अस्पताल था, दूसरी तरफ स्टेडियम। इस बीच एक सड़क थी जो मुझे जिंदगी और मौत के बीच का रास्ता जैसा लग रही थी।
अस्पताल में मेरे कमरे के पास ही कोमा वॉर्ड बना हुआ था, लेकिन ये सारी चीजें मुझे बस ये एहसास करा रहीं थी कि जिंदगी में अनिश्चितता ही निश्चित है। इरफान ने कहा, मुझे पहली बार असल मायने में एहसास हुआ की आजादी का मतलब क्या है। मेरी बीमारी का पता चलने के बाद बहुत से लोग मेरे लिए दुआ कर रहे हैं। कई लोग जो मुझे जानते भी नहीं, सबकी दुआएं एक फोर्स बनकर मेरे स्पाइनल कॉर्ड के जरिए अंदर आते हुए सिर तक जा रही हैं। मैं जिंदगी को बहुत करीब से महसूस कर रहा हूं।
बता दें इरफान ने ट्वीट कर लिखा था, जिंदगी में अचानक कुछ ऐसा हो जाता है जो आपको आगे लेकर जाती है। मेरी जिंदगी के पिछले कुछ दिन ऐसे ही रहे हैं, मुझे न्यूरो इंडोक्राइन ट्यूमर नामक बीमारी हुई है, लेकिन मेरे आसपास मौजूद लोगों के प्यार और ताकत ने मुझमें उम्मीद जगाई है।"
Created On :   19 Jun 2018 10:41 AM IST