कुलभूषण जाधव मामले पर चुप क्यों है फिल्म इंडस्ट्री?
डिजिटल डेस्क, मुंबई। बॉलीवुड के जाने-माने फिल्ममेकर मधुर भंडारकर ने पाकिस्तान में कैद कुलभूषण जाधव की मां और पत्नी के साथ किए गए बर्ताव पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। भंडारकर ने मानवाधिकार कार्यकर्ताओं, उदारवादियों और फिल्म बिरादरी के सदस्यों की "चुप्पी" पर सवाल उठाए हैं। भंडारकर ने ट्वीट कर कहा कि "यह परेशान करने वाला है जिस तरह कुलभूषण जाधव की मां और पत्नी को पाकिस्तान में अपमानित किया गया, इससे भी अधिक भयावह क्या हो सकता है। इस मामले में मेरे फिल्म उद्योग के साथियों से निवेदन है कि वे अपनी चुप्पी तोड़े।"
Its disturbing how #KulbhushanJadhav mother wife got humiliated in Pakistan and whats more appalling here is to see the silence of Human Rights activists, liberals, people from my film fraternity.
— Madhur Bhandarkar (@imbhandarkar) December 27, 2017
भंडरकर ने कहा कि "जाधव की मां और पत्नी बड़ी मुश्किलों से वीजा मिलने के बाद उनसे मुलाकात के लिए इस्लामाबाद गईं थीं, जहां पाकिस्तान की सरकार ने कांच की दीवार के सहारे बात करवाई। इससे पहले जाधव की पत्नी और मां की चूड़ियां, मंगलसूत्र, बिंदी उतरवा दी गई और कपड़े बदलवाए गए। भारत ने इसकी निंदा की है। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने भी आज संसद के दोनों सदनों में अपना जवाब दिया।
सुषमा स्वराज ने पाकिस्तान को जवाब देते हुए कहा है कि पाकिस्तान में जाधव के परिवार के साथ जिस तरह की हरकत की गई, हम उसकी पुरजोर निंदा करते हैं। उन्होंने ये भी कहा कि पाकिस्तान इससे ज्यादा शर्मनाक नहीं कर सकता। सुषमा स्वराज ने अपने बयान में ये भी कहा कि पाकिस्तान ने सुहागिनों को विधवाओं के रुप में कुलभूषण जाधव के सामने पेश किया।
बता दें कि मधुर भंडारकर को फिल्म "चांदनी बार (2001), पेज 3 (2005), ट्रैफिक सिग्नल (2007) और फैशन (2008) जैसी सर्वश्रेष्ठ फिल्मों के लिए जाना जाता है। उन्होंने ट्रैफिक सिग्नल के लिए सर्वश्रेष्ठ निर्देशक का राष्ट्रीय पुरस्कार जीता है।
Created On :   28 Dec 2017 2:07 PM IST