1 लाख डिलीवरी करवाने वालीं पद्मश्री डॉक्टर भक्ति का निधन, 64 साल से कर रहीं थीं मुफ्त इलाज
डिजिटल डेस्क, इंदौर। एक लाख से ज्यादा डिलीवरी करवाने वाली डॉक्टर भक्ति यादव का 92 साल उम्र में निधन हो गया। लंबे समय से बीमार चल रहीं डॉ भक्ति ने सोमवार सुबह आखिरी सांस ली। डॉ. भक्ति ने 64 साल तक लोगों का मुफ्त इलाज किया। जन सेवा के लिए उन्हें पद्मश्री से सम्मानित भी किया गया।
एमपी की पहली गायनोलोजिस्ट है डॉ. भक्ति
डॉ. भक्ति का जन्म उज्जैन जिले के महिदपुर में 3 अप्रैल 1926 को हुआ था। वो इंदौर के महात्मा गांधी मेमोरियल मेडिकल कॉलेज की पहली महिला डॉक्टर थीं। उन्हें मध्य प्रदेश की पहली गायनेलोजिस्ट भी माना जाता है। वो उस दौर में डॉक्टर बनी जब लड़कियों को पढ़ाया तक नहीं जाता था। उन्होंने बिना लाइट के कई ऑपरेशन्स भी किए हैं।
1948 से ही कर रहीं थी मुफ्त इलाज
डॉक्टर भक्ति यादव ने 64 साल में एक लाख डिलीवरी कराने का रिकॉर्ड भी बनाया था। डॉ. भक्ति के परिजन ने बताया कि वो साल 1948 से ही मुफ्त में लोगों इलाज कर रही थीं, वो महिलाओं की डिलिवरी के लिए कोई फीस नहीं लेती थीं। उनका इंदौर के परदेशीपुरा में वात्सल्य नाम का नर्सिंग होम भी था।
"प्रेग्नेंसी इन एडवोसेशंस" पर की रिसर्च
डॉ. यादव ने 1962 में एक रिसर्च "प्रेग्नेंसी इन एडवोसेशंस" की थी। जिसमें उन्होंने ये बताया था कि आने वाले समय में 12 से 17 वर्ष की आयु की बालिकाओं में कौमार्य के समय गर्भावस्था की समस्या सबसे ज्यादा होगी।
Created On :   14 Aug 2017 11:55 AM IST