पद्मावती विवाद: मेवाड़ के पूर्व राजघराने ने प्रसून जोशी पर साधा निशाना
डिजिटल डेस्क, मुंबई। संजय लीला भंसाली की फिल्म ‘पद्मावती’ को सेंसर बोर्ड ने भले ही कुछ सुझाव और बदलाव के साथ रिलीज किए जाने को लेकर हरी झंडी दे दी है, लेकिन फिल्म की रिलीज को लेकर अभी भी विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। राजपूत करणी सेना ने पहले ही कह दिया है कि अगर फिल्म रिलीज होती है तो वो इसका विरोध करेंगे। इसी क्रम में रानी पद्मावती के वंशज और मेवाड़ के पूर्व राजघराने ने केंद्रीय सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष प्रसून जोशी पर निशाना साधा है।
राजघराने ने इस मामले में केंद्रीय प्रसारण मंत्री स्मृति ईरानी को एक चिट्ठी लिखी है। पूर्व राजघराने के प्रमुख महेंद्र सिंह मेवाड़ ने स्मृति ईरानी को चिट्ठी लिखकर नाराजगी जताई है। उन्होंने पत्र में लिखा कि ‘सेंसर बोर्ड ने फिल्म को हरी झंडी देने में जिस तरह से जल्दबाजी में कदम उठाए हैं, उससे बोर्ड की साख पर ही सवाल खड़े हो गए हैं। पहले छह लोगों को फिल्म दिखाने की बात कही गई थी, लेकिन बोर्ड ने गैर जरूरी हड़बड़ाहट दिखाई और सिर्फ तीन लोगों को ही फिल्म दिखाया।’
महेंद्र सिंह ने चिट्ठी में आगे लिखा है कि बोर्ड ने रिव्यू करने के बाद यह माहौल बनाया कि तीन लोगों के पैनल ने फिल्म पर रजामंदी की मुहर लगा दी है, जबकि तथ्य इसके विपरीत हैं। महेंद्र सिंह का कहना है कि उनके पुत्र विश्वराज सिंह ने केंद्रीय सेंसर बोर्ड को चिट्ठी भेजकर फिल्म को लेकर कुछ सवालों का जवाब मांगे थे। सेंसर बोर्ड ने उसे पूरी तरह से अनदेखा कर दिया है। प्रसून जोशी ने कहा कि रिव्यू कमिटी ने फिल्म के टाइटल ‘पद्मावती और ‘घूमर डांस’ पर आपत्ति जताई है।
प्रसून जोशी ने कहा कि फिल्म में बदलाव करने के जो सुझाव दिए गए हैं, उन पर फिल्म निर्माता-निर्देशक भी सहमत हैं। फिल्म पूरी तरह से ऐतिहासिक तथ्यों पर नहीं है, लिहाजा इस बात को डिस्क्लेमर से विशेष रूप से जोड़ने की सलाह दी गई है। इसके साथ ही यह भी कि यह फिल्म किसी भी रूप में सती प्रथा का समर्थन या महिमामंडन नहीं करती है।
Created On :   1 Jan 2018 12:56 PM IST