गुजरात में 'पद्मावती' बैन की मांग, 1 लाख राजपूत समाज के लोगों ने किया एकता प्रदर्शन

Rajput members did unity show in gujarat for demand of film padmavati ban
गुजरात में 'पद्मावती' बैन की मांग, 1 लाख राजपूत समाज के लोगों ने किया एकता प्रदर्शन
गुजरात में 'पद्मावती' बैन की मांग, 1 लाख राजपूत समाज के लोगों ने किया एकता प्रदर्शन

डिजिटल डेस्क, मुंबई। निर्देशक संजय लीला भंसाली की फिल्म "पद्मावती" को लेकर देश के कई बड़े-छोटे शहरों में विवाद शुरू हो गया है। यह विवाद विवाद खत्म होने के बजाए और बढ़ता ही जा रहा है। राजस्थान, गुजरात, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र समेत उत्तर प्रदेश के भी कई इलाकों में फिल्म को बैन किए जाने की मांग हो रही है। गुजरात के गांधीनगर में भी राजपूतों ने बड़ा प्रदर्शन किया। गांधीनगर के राम कथा मैदान में राजपूत समाज के करीब 1 लाख लोग एकत्र हुए और एकता प्रदर्शन किया।

 

करणी सेना प्रमुख ने दी खुली चुनौती

वहीं करनी सेना ने ऐलान किया कि वो फिल्म "पद्मावती" को रिलीज नहीं होने देंगे। फिल्म के विरोध में करणी सेना बड़ी सभा कर रही है। करणी सेना प्रमुख लोकेंद्र सिंह ने खुले तौर पर चुनौती देते हुए कहा कि फिल्म किसी भी हाल में बैन की जानी चाहिए, अहिंसा की धरती पर हम हिंसा नहीं करना चाहते है। गुजरात बीजेपी के कई क्षत्रीय नेता भी फिल्म को बैन किए जाने की मांग कर चुके हैं। इनसो के राष्ट्रीय अध्यक्ष दिग्विजय सिंह चौटाला ने भी कहा कि रानी पद्मावती के चरित्र का गलत चित्रण किया गया है। भंसाली ने राजपूत समाज की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का काम किया है। इनसो सरकार और सेंसर बोर्ड से इस फिल्म को प्रसारित नहीं करने की मांग करती है।

चौटाला ने आगे कहा कि हमारा देश एक सभ्यता संस्कृति वाला देश हैं। राजघराने की स्त्रियां आज भी मान मर्यादा में रहती हैं। इस फिल्म को अगर प्रसारित किया गया तो राजपूत समाज ही नहीं बल्कि सर्व समाज की नारी शक्ति को गहरा आघात लगेगा। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह और उमा भारती भी फिल्म के विरोध में सामने आए। हरियाणा के कैबिनेट मंत्री अनिल विज भी सामने आते हुए बोले कि वह इतिहास से छेड़छाड़ करने वाली फिल्म को बिल्कुल भी रिलीज नहीं होने देंगे।

 
पीएम मोदी को लिखा रानी के वंशजों ने पत्र

 
रानी के वंशजों ने फिल्म की रिलीज के विरोध में पीएम मोदी को एक चिट्ठी भी लिखी है। मेवाड़ के पूर्व राजघराने के सदस्य और वंशज विश्वराज सिंह ने कहा कि फिल्म "पद्मावती" में इतिहास को तोड़ मरोड़ कर पेश किया गया है, यह स्वीकार नहीं है। जयपुर के पूर्व राजघराने राजकुमारी दीया कुमारी ने भी गोविंद देव जी मंदिर से "हस्ताक्षर अभियान" की शुरुआत की है।


महारानी मयूरी सिंह ने किया भंसाली का समर्थन

बूंदी राजघराने की महारानी मयूरी सिंह ने भंसाली के समर्थन में आते हुए कहा कि "फिल्म अभी रिलीज नहीं हुई है, फिल्म पहले दर्शकों को दिखाई जाए। जिसके बाद इसका फैसला हो जाएगा कि क्या सही है और क्या गलत है।"" वहीं यूपी से भी एक अच्छी खबर है कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा, ""पद्मावती हो या कोई और फिल्म हो उसे संरक्षण दिया जाएगा, जब कोर्ट का ऑर्डर आ गया है कोई फिल्म की रिलीज को रोक नहीं सकता है।.""

 
क्या बोले संजय लीला भंसाली

निर्देशक संजय लीला भंसाली पहले ही कह चुके हैं कि फिल्म में खिलजी और पद्मावती के बीच ऐसा कोई सीन फिल्माया गया है। फिल्म "पद्मावती" एक दिसंबर को रिलीज की जाएगी। अभी तक उसे सेंसर बोर्ड से सर्टिफिकेट नहीं मिला है।


जलाया गया भंसाली का पुतला

इलाहाबाद में राष्ट्रीय हिन्दू संगठन ने रविवार को पीवीआर के सामने संजय लीला भंसाली का पुतला दहन किया। भारतीय संस्कृति संरक्षण समिति की ओर से भी भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय को ज्ञापन देकर फिल्म को प्रदेश के किसी भी सिनेमाहाल में प्रदर्शित न किए जाने की मांग की गई।


हरियाणा के मंत्री विपुल गोयल भी बोले

हरियाणा के मंत्री विपुल गोयल ने पत्र लिख कर फिल्म "पद्मावती" में चेंज करने की मांग की है। उन्होंने लिखा कि अलाउद्दीन खिलजी के चरित्र का महिमामंडन किया जाना लड़कियों पर तेजाब फेंकने वालों की प्रशंसा करने जैसा ही है।  

भंसाली के घर के बाहर लगी सुरक्षा

फिल्म को लेकर जिस तरह के प्रदर्शन किए जा रहे है, उसे देखते हुए भंसाली के घर और ऑफिस के बाहर पुलिस तैनात की गई है। पुलिस को इस बात का अंदेशा था कि कुछ लोग फिल्म के विरोध में संजय लीला भंसाली के पर प्रदर्शन कर सकते हैं और संपत्ति को नुकसान पहुंचा सकते हैं।

Created On :   13 Nov 2017 8:16 AM IST

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